मच्छरों से फैली इस बीमारी ने भारत के इस शहर में दी दस्तक, जानिए कैसे करें बचाव...
दिल्ली में जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) के पहले मामले के सामने आने के बाद, स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है। इस गंभीर और जानलेवा बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए एमसीडी के स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत अलर्ट जारी किया है। सभी जिला स्वास्थ्य अधिकारियों और महामारी विशेषज्ञों को विशेष निर्देश दिए गए हैं ताकि लार्वा नियंत्रण, वेक्टर प्रबंधन और जागरूकता अभियानों को और तेज किया जा सके। यह कदम दिल्लीवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए जरूरी है।
जापानी इंसेफेलाइटिस: क्या है यह बीमारी?
जापानी इंसेफेलाइटिस मच्छरों द्वारा फैलने वाला एक वायरल संक्रमण है, जो मस्तिष्क को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। यह ज्यादातर ग्रामीण और मच्छर-प्रवण इलाकों में पाया जाता है। संक्रमण के हल्के मामलों में कोई खास लक्षण नहीं दिखते, लेकिन गंभीर मामलों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी, भ्रम, दौरे और यहां तक कि कोमा जैसी स्थितियां पैदा हो सकती हैं।
बीमारी का खतरा और अधिक जोखिम वाले समूह-
- मौसम और स्थान: यह रोग गर्मियों और बारिश के मौसम में अधिक देखा जाता है।
- बच्चे अधिक संवेदनशील: बच्चों में इस रोग का खतरा अधिक होता है क्योंकि वयस्कों में अक्सर इम्युनिटी विकसित हो जाती है।
- ग्रामीण क्षेत्र: स्वच्छता की कमी वाले और मच्छरों के अधिक प्रजनन वाले क्षेत्र इसकी चपेट में अधिक आते हैं।
कैसे करें लक्षणों की पहचान?
जापानी इंसेफेलाइटिस के लक्षणों में शामिल हैं:
- हल्का बुखार और सिरदर्द (आरंभिक लक्षण)
- गंभीर मामलों में भ्रम, दौरे और कोमा
- लंबे समय तक प्रभाव जैसे बहरापन, मांसपेशियों की कमजोरी या भावनात्मक अस्थिरता
रोकथाम और बचाव के उपाय-
जापानी इंसेफेलाइटिस के लिए वैक्सीन उपलब्ध है, जो विशेष रूप से बच्चों के लिए बनाई गई है:
पहली खुराक: 9 महीने की उम्र में खसरे के टीके के साथ दी जाती है।
दूसरी खुराक: 16-24 महीने की उम्र में डीपीटी बूस्टर के साथ दी जाती है।
इसके अलावा, मच्छरों से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय करें:
- घर के आसपास साफ-सफाई बनाए रखें।
- पानी के जमाव को रोकें।
- मच्छरदानी और मच्छर भगाने वाले क्रीम का उपयोग करें।
- पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।
क्या करें अगर लक्षण दिखें?
अगर किसी में इस बीमारी के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज से गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है। जापानी इंसेफेलाइटिस एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, लेकिन उचित स्वच्छता, मच्छरों से बचाव और टीकाकरण के माध्यम से इससे बचा जा सकता है। जागरूकता और समय पर रोकथाम इस बीमारी को नियंत्रण में रखने का सबसे प्रभावी तरीका है। स्वास्थ्य विभाग की सलाह का पालन करें और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करें।