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भारत ने मेडिकल शिक्षा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 60 नए मेडिकल कॉलेजों की शुरुआत की है। इस उपलब्धि के साथ, भारत दुनिया का पहला देश बन गया है जहां सबसे ज्यादा डॉक्टर तैयार किए जाएंगे। नए मेडिकल कॉलेजों के साथ, देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 766 हो गई है, जो अफ्रीका और अमेरिका जैसे महाद्वीपों से पांच से छह गुना ज्यादा है। इसके अलावा, सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी 400 से अधिक हो चुकी है।
MBBS और PG की सीटों में बड़ा इजाफा-
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि इन नए कॉलेजों के जुड़ने से एमबीबीएस सीटों में 6.30% की बढ़ोतरी हुई है। यह संख्या 2023-24 में 1,08,940 से बढ़कर 2024-25 में 1,15,812 तक पहुंच गई है। स्नातकोत्तर (पीजी) सीटों में भी 5.92% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो अब 69,024 से बढ़कर 73,111 हो गई है। इसके साथ ही, भारत में अब कुल 766 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें से 423 सरकारी और 343 निजी संस्थान हैं।
विश्व स्तर पर भारत की बढ़त-
मेडिकल स्कूलों की विश्व निर्देशिका के अनुसार, एमबीबीएस सीटों के मामले में भारत ने पहले ही शीर्ष स्थान हासिल कर लिया था। अब मेडिकल कॉलेजों की संख्या में भी भारत ने सभी देशों को पीछे छोड़ दिया है। दुनिया के 195 देशों में लगभग 3,965 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं, जिनमें से 47% एशिया के 48 देशों में हैं। भारत में अब कुल 766 मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं, जिनमें हर साल 1.15 लाख छात्र एमबीबीएस में प्रवेश लेंगे।
अन्य देशों की तुलना में भारत सबसे आगे-
भारत के बाद ब्राजील 348 मेडिकल कॉलेजों के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि अमेरिका 198 मेडिकल स्कूलों के साथ तीसरे नंबर पर है। चीन 191 मेडिकल कॉलेजों के साथ चौथे और मेक्सिको 147 कॉलेजों के साथ पांचवें स्थान पर है। इस तेजी से हो रहे विकास के साथ, भारत मेडिकल शिक्षा में एक वैश्विक नेता बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत के इस कदम से न सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि लाखों छात्रों को मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने का अवसर भी मिलेगा। यह पहल देश में डॉक्टरों की भारी मांग को पूरा करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाएगी।
Baten UP Ki Desk
Published : 21 September, 2024, 1:25 pm
Author Info : Baten UP Ki