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भारतीय रक्षा क्षेत्र में हाल ही में हुए हेलिकॉप्टर हादसे ने एक बार फिर से देश की स्वदेशी तकनीक और सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 5 जनवरी को गुजरात के पोरबंदर में भारतीय Coast Guard का स्वदेशी हेलिकॉप्टर ALH Mark-III (Advanced Light Helicopter Mark-III) एक ट्रेनिंग उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में हेलिकॉप्टर में सवार तीनों लोगों की दुखद मौत हो गई। यह दुर्घटना भारतीय रक्षा क्षेत्र के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
लगातार हो रहे हादसे-
यह पहली बार नहीं है जब ALH Mark-III दुर्घटनाग्रस्त हुआ हो। पिछले चार महीनों में यह दूसरी बार है जब Coast Guard के इस हेलिकॉप्टर के साथ घातक हादसा हुआ है। सितंबर में भी, पोरबंदर के पास एक मेडिकल इवैक्यूएशन मिशन के दौरान ऐसा ही हादसा हुआ था, जिसमें तीन लोगों की जान गई थी। इसके अलावा, मार्च 2023 में कोच्चि में भी Coast Guard का ALH हेलिकॉप्टर उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, हालांकि उस हादसे में किसी की जान नहीं गई थी।
जांच और सुधार की आवश्यकता-
इन दुर्घटनाओं के कारणों की जांच के लिए Coast Guard ने Boards of Inquiry गठित किए हैं। इन जांचों में हेलिकॉप्टर के उड़ान नियंत्रण और ट्रांसमिशन सिस्टम जैसे पहलुओं पर खास ध्यान दिया जा रहा है।
तकनीकी खामियों पर सवाल-
हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित ALH हेलिकॉप्टर पर कई रक्षा विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं। उनके अनुसार, इन हादसों की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए ताकि तकनीकी खामियों का पता लगाया जा सके। हर दुर्घटना के बाद सुरक्षा ऑडिट और हेलिकॉप्टर बेड़े को अस्थायी रूप से ग्राउंड किया गया है। हाल ही में हुई दुर्घटना के बाद लगभग 300 ALH हेलिकॉप्टरों को सुरक्षा जांच के लिए ग्राउंड कर दिया गया है।
डिज़ाइन खामियों की पहचान-
पिछले हादसों में कुछ डिज़ाइन खामियाँ सामने आई हैं, खासतौर पर बूस्टर कंट्रोल रॉड्स से जुड़ी समस्याएँ, जो हेलिकॉप्टर के नियंत्रण को प्रभावित कर सकती हैं। HAL ने इन समस्याओं को ठीक करने के लिए नए ALH मॉडलों में मजबूत स्टील रॉड्स लगाए हैं।
अन्य वेरिएंट्स में भी हादसे-
ALH हेलिकॉप्टर के अन्य वेरिएंट्स, जैसे कि ALH Rudra, जो एक अटैक हेलिकॉप्टर है, के साथ भी दुर्घटनाएँ हुई हैं। जनवरी 2021 में, जम्मू-कश्मीर के लखनपुर में तकनीकी खराबी के कारण एक ALH दुर्घटनाग्रस्त हुआ। अगस्त 2021 में, पंजाब के पठानकोट में रंजीत सागर डैम के पास ALH Rudra पानी में गिर गया, जिसमें दोनों पायलटों की जान गई। अक्टूबर 2022 में, अरुणाचल प्रदेश में एक ALH Rudra दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिसमें पाँच लोगों की मौत हुई। मई 2023 में, जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में एक और ALH दुर्घटना हुई।
स्वदेशी तकनीक का विकास-
HAL ने ALH Dhruv का विकास 1984 में शुरू किया था ताकि पुराने Chetak और Cheetah हेलिकॉप्टरों को बदला जा सके। यह हेलिकॉप्टर मल्टी-रोल और मल्टी-मिशन क्षमताओं के लिए डिज़ाइन किया गया था। इसका अधिकांश निर्माण भारत में होता है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण हिस्से, जैसे कि इंजन (Shakti Engine, जो फ्रांस की Safran Helicopter Engines के साथ मिलकर बनाया गया है) और कुछ एवियोनिक्स, विदेशी कंपनियों के सहयोग से विकसित किए गए हैं।
सुधार की दिशा में कदम-
आज, ALH Dhruv का डिज़ाइन काफी हद तक स्वदेशी हो चुका है। HAL ने लगातार स्थानीय अनुसंधान और विकास के माध्यम से ALH के नए वेरिएंट्स तैयार किए हैं। सुरक्षा और गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। हादसों की जाँच और सुधार प्रक्रिया से ही हम अपनी तकनीक को और बेहतर बना सकते हैं।
हादसे बन रहे चिंता का विषय-
ALH हेलिकॉप्टरों में लगातार हो रहे हादसे निश्चित रूप से चिंता का विषय हैं। इन हादसों के पीछे के कारणों की गहन जांच और तकनीकी खामियों को दूर करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। स्वदेशी तकनीक पर हमें गर्व है, लेकिन सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा।
Baten UP Ki Desk
Published : 8 January, 2025, 8:10 pm
Author Info : Baten UP Ki