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हर दूसरे भारतीय बुजुर्ग को हैं दो से ज्यादा बीमारियां, सर्वे में हुआ खुलासा

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भारत में बुजुर्गों की स्वास्थ्य चुनौतियां बढ़ती उम्र के साथ और भी जटिल होती जा रही हैं। हेल्पएज इंडिया के हालिया सर्वेक्षण से एक गंभीर तस्वीर उभरती है-देश का हर दूसरा बुजुर्ग दो या उससे अधिक गंभीर गैर-संचारी रोगों (NCDs) से जूझ रहा है। यह रिपोर्ट बुजुर्गों की सेहत और उनके दैनिक जीवन की कठिनाइयों की गहराई में जाकर, उन पहलुओं को उजागर करती है जिन्हें अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है।

बुजुर्गों में बढ़ते रोग: 54% लोग कई बीमारियों के शिकार-

रिपोर्ट के अनुसार, 54% भारतीय बुजुर्गों में कम से कम दो गैर-संचारी रोग पाए गए हैं, जिनमें मधुमेह और उच्च रक्तचाप प्रमुख हैं। अध्ययन में पाया गया कि हर चार में से एक बुजुर्ग के पास एक गैर-संचारी रोग है। इन बीमारियों के प्रति जागरूकता की कमी भी सामने आई, जिसमें लगभग 20% बुजुर्गों ने अपनी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही।

80 साल और उससे अधिक आयु वाले बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित-

सर्वेक्षण में यह भी स्पष्ट हुआ कि 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बुजुर्गों में अधिकतर लोग दो या अधिक बीमारियों का सामना कर रहे हैं। इस विश्लेषण में 10 राज्यों के 20 शहरों के लगभग 5,000 से अधिक बुजुर्गों और 1,300 डॉक्टरों से जानकारी ली गई, जिससे बुजुर्गों की स्वास्थ्य स्थिति और उनकी चिकित्सा जरूरतों का विस्तृत आंकलन हो पाया। 79% बुजुर्ग सरकारी अस्पतालों और क्लीनिकों में इलाज के लिए पहुंचे हैं जबकि अन्य ने निजी चिकित्सा सेवाओं का सहारा लिया।

39% बुजुर्गों के पास स्मार्टफोन, डिजिटल उपयोग सीमित-

हैरत की बात यह है कि 39% बुजुर्गों के पास स्मार्टफोन हैं, लेकिन उनमें से केवल 12% बुजुर्गों ने इसका उपयोग बिजली बिल या इंटरनेट बैंकिंग के भुगतान के लिए किया। केवल 8% बुजुर्गों ने स्वास्थ्य संबंधित कार्यों में इसका उपयोग किया, जो डिजिटल साक्षरता में एक बड़ी कमी को दर्शाता है। 60-69 आयु वर्ग के पुरुष बुजुर्ग स्मार्टफोन का सबसे ज्यादा उपयोग कर रहे हैं।

रक्तचाप और मधुमेह आम, हड्डी और जोड़ों की समस्याएं भी बड़ी समस्या-

सर्वे में पाया गया कि 48% बुजुर्ग उच्च रक्तचाप और 43% मधुमेह से पीड़ित हैं। इसके अलावा, 35% बुजुर्गों को हड्डी और जोड़ों से जुड़ी समस्याएं, जैसे ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया भी हैं। 19% बुजुर्गों में उच्च कोलेस्ट्रॉल की शिकायत भी पाई गई, जो उनके स्वास्थ्य को और भी अधिक खतरे में डाल सकती है।

पेंशन और आय में कमी: सिर्फ 29% बुजुर्गों को समय पर मिल रही पेंशन-

सर्वे में बुजुर्गों के वित्तीय संकट का भी उल्लेख किया गया है। 29% बुजुर्गों को ही समय पर पेंशन मिल रही है। इसके साथ ही, हर तीन में से एक बुजुर्ग ने अपनी आय के स्रोत के खत्म होने की बात स्वीकार की। इनमें 60 से 69 वर्ष के 31%, 71-79 वर्ष के 36%, और 80 वर्ष से ऊपर के 37% बुजुर्ग शामिल हैं।

बुजुर्गों के स्वास्थ्य और वित्तीय सहायता की आवश्यकता-

हेल्पएज इंडिया की यह रिपोर्ट भारतीय बुजुर्गों के स्वास्थ्य, वित्तीय स्थिति, और डिजिटल जागरूकता की चिंताजनक स्थिति को उजागर करती है। यह जरूरी है कि सरकारी नीतियों में बदलाव लाकर बुजुर्गों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और समय पर पेंशन का प्रावधान किया जाए ताकि वे सम्मानपूर्वक और स्वस्थ जीवन जी सकें।

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