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(Special Story) नकल माफिया पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार ने पब्लिक एग्जामिनेशन बिल पेश किया। यह बिल लोकसभा से पास हो गया है। अब इसे राज्यसभा में भेजा जाएगा, वहां से पास होने पर यह कानून बन जाएगा। इसके तहत सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल कराने के आरोपियों को अधिकतम 10 साल की जेल और 1 करोड़ रुपए जुर्माना देना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने कल यानि मंगलवार को इन पर रोक लगाने के लिए पब्लिक एग्जामिनेशन बिल पास कर दिया।
5 साल की सजा और 1 करोड़ जुर्माना-
इस बिल में परीक्षाओं के लिए आईटी सिस्टम को और अधिक मजबूत किया जाना भी शामिल है। छात्रों के साथ नौकरी के लिए फर्जीवाड़ा और फर्जी परीक्षा कराने के लिए भी ये कानून लागू होगा। अगर छात्र के स्थान पर कोई और परीक्षा देते पकड़ा जाता है तो इसके लिए 5 साल की सजा और 1 करोड़ रुपए जुर्माने का प्रावधान है।
पब्लिक एग्जामिनेशन बिल के कानून बनने पर क्या होगा-
अगर यह बिल कानून बन जाता है तो पुलिस को बिना किसी वारंट के संदिग्धों को गिरफ्तार करने का अधिकार मिल जाएगा। आरोपी को जमानत नहीं मिलेगी और इन अपराधों को समझौते से नहीं सुलझाया जा सकेगा। हालांकि प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले उन बच्चों को टारगेट नहीं किया जाएगा, जो जानबूझकर इसमें शामिल नहीं होते हैं। केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने लोकसभा में बिल पेश करते हुए कहा कि पब्लिक एग्जामिनेशन बिल में प्रश्न और आंसर सीट के लीक होने, डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तरीके से कैंडिडेट का सहयोग करने जैसे अपराध शामिल किए गए हैं। इसके साथ ही इस बिल में चीटिंग और गलत तरीके से पैसे कमाने के लिए फेक वेबसाइट बनाने, फर्जी एग्जाम्स कराने के लिए नकली एडमिट कार्ड या ऑफर लेटर जारी करने जैसे- गैर-कानूनी काम को भी शामिल किया गया है।
इन गड़बड़ियों को माना जाएगा अपराध-
आइए आपको बताते हैं पब्लिक एग्जामिनेशन बिल की कुछ प्रमुख बड़ी बातें....
बिल के दायरे में होंगी ये प्रतियोगी परीक्षाएं-
पब्लिक एग्जामिनेशन बिल जब कानून बन जाएगा तो UPSC, SSC, रेलवे भर्ती बोर्ड, बैंकिंग, NEET-मेडिकल और इंजीनियरिंग सहित कई परीक्षाएं इसके दायरे में रहेंगी। ये बिल 10वीं या 12वीं की परीक्षाओं पर लागू नहीं होगा। इसके साथ ही ये राज्यों की परीक्षाओं पर भी लागू नहीं होगा। क्योंकि कई राज्यों में नकल को लेकर पहले से अपने कानून हैं।
2019 के बाद हर साल औसतन 3 पेपर हुए लीक-
किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में पेपर लीक एक बड़ी समस्या के तौर पर सामने आता है। साल 2019 के बाद से हर साल तकरीबन तीन पेपर लीक हुए हैं। वहीं उत्तर प्रदेश की अगर बात की जाए तो साल 2017 से 2022 तक 8 पेपर लीक हुए। इतना ही नहीं ऑनलाइन रिक्रूटमेंट, UP TET, PET जैसे पेपर भी लीक हुए हैं। गुजरात में 14, पश्चिम बंगाल में 10, बिहार में 6 बार पेपर लीक हुए हैं। आपको बता दें कि हर साल तीन करोड़ छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। एक बच्चे की सालभर पढ़ाई लिखाई पर करीब दो लाख खर्च आता है। पेपर लीक होने पर अभ्यर्थियों की मेहनत के साथ ही पैसे भी बर्बाद हो जाते हैं।
उत्तर प्रदेश में नकल पर जेल भेजने का बना था कानून-
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश देश में पहला ऐसा राज्य था जिसने इंटर हाईस्कूल की परीक्षाओं में नकल पर जेल भेजने का कानून बनाया था। जब कल्याण सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और राजनाथ सिंह यूपी के शिक्षा मंत्री थे। इसके बावजूद भी नौकरी की परीक्षा में नकल और पेपर लीक को रोकने में उत्तर प्रदेश भी कामयाब नहीं हो पाया। जबकि यूपी देश में एक बार फिर पहला ऐसा राज्य है जहां पेपर लीक को संगठित अपराध माना जाता है। नकल व पेपर लीक का रैकेट चलाने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गुनाह दर्ज किया जाता है। यूपी में स्पेशल टास्क फोर्स पेपर लीक या एग्जाम की गड़बड़ियों को पकड़ने के लिए काफी प्रसिद्ध है।
पेपर लीक पर राज्यों में बने कानून-
उत्तर प्रदेश में पेपर लीक को संगठित अपराध माना जाता है। नकल व पेपर लीक का रैकेट चलाने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गुनाह दर्ज किया जाता है।
राजस्थान- पेपर लीक और नकल कराने वालों को उम्रकैद की सजा।
गुजरात- दोषियों को 3 से 10 साल तक की सजा और 1 लाख से 1 करोड़ तक का जुर्माना। पेपर खरीदने वाले को भी 2 साल से 10 साल तक की सजा।
उत्तराखंड- गैर जमानती क्राइम, दोषी को 10 साल से उम्रकैद तक की सजा, 10 लाख से 10 करोड़ तक का जुर्माना।
हरियाणा- 7 से 10 साल जेल, 10 लाख तक का जुर्माना, दोषी की प्रॉपर्टी नीलाम करके नुकसान की भरपाई का प्रावधान
केंद्र सरकार पेपर लीक के खिलाफ मजबूत बिल लाकर स्टूडेंट्स के बीच यह संदेश देने की कोशिश कर रही है। कि सरकार इस मुद्दे की अहमियत को समझती है। क्योंकि हाल के वर्षों में पेपर लीक देश में एक बड़ा मुद्दा बना है। तमाम परीक्षाओं में हो रहे लीक की बार-बार घटना के बाद स्टूडेंट्स में आक्रोश बढ़ा है।
सीनियर प्रोड्यूसर
Published : 7 February, 2024, 1:03 pm
Author Info : राष्ट्रीय पत्रकारिता या मेनस्ट्रीम मीडिया में 15 साल से अधिक वर्षों का अनुभव। साइंस से ग्रेजुएशन के बाद पत्रकारिता की ओर रुख किया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया...