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शिक्षा प्रणाली में होंगे बड़े बदलाव, अब विद्यार्थियों को इतने विषय पढ़ना होगा अनिवार्य

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भारत सरकार शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की योजना बना रही है। ये बदलाव शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लागू किए जाएंगे। इसके तहत अब नौवीं और 10वीं के विद्यार्थियों को 10 विषय पढ़ने होंगे और प्रत्येक में पास होना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही 12वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को कुल छह विषय पढ़ने होंगे और प्रत्येक में पास होना अनिवार्य होगा। इसके अलावा विद्यार्थियों की एक सत्र में न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति आवश्यक होगी।

30 शिक्षण घंटों की एक क्रेडिट के रुप में होगी गिनती

आपको बता दें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षा में गतिशीलता और आमूल चूल परिवर्तन लाने के लिए राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीआरएफ) तैयार किया है। एनसीआरएफ के तहत क्रेडिट गणना के लिए 30 शिक्षण घंटों को एक क्रेडिट के रूप में गिना जाएगा। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को शैक्षणिक विषयों और कौशल विषयों में क्रेडिट देकर उन्हें अपनी शिक्षा और करियर के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करना है। एनसीआरएफ के तहत, स्कूली शिक्षा से उच्च शिक्षा तक एक एकीकृत क्रेडिट संचय और हस्तांतरण ढांचा तैयार किया गया है। इसके तहत सभी राज्य बोर्ड, CBSE और NIOS बोर्ड से संबंधित स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए एनसीआरएफ को लागू करने के लिए दिशानिर्देश (एसओपी) विकसित किए गए हैं। 

12वीं में विद्यार्थियों को 6 विषय पढ़ना होगा अनिवार्य

अधिकारियों के अनुसार, शैक्षणिक सत्र 2024-25 से देशभर की शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे। दरअसल, अब तक विद्यार्थी 10वीं में अधिकतम नौ विषय चुन सकते थे, लेकिन वे छह विषय ही चुनते थे और पास होने के लिए पांच विषयों में उत्तीर्ण होना अनिवार्य होता था। वहीं 12वीं में कोई विद्यार्थी सात विषय चुन सकता था, जिसमें एक वैकल्पिक होता था। इसमें से विद्यार्थी को पांच विषय में उत्तीर्ण होना अनिवार्य होता था। लेकिन अब नए सत्र से नौवीं और 10वीं में विद्यार्थियों को 10 विषय पढ़ने होंगे और प्रत्येक में पास होना अनिवार्य होगा। 12वीं में विद्यार्थियों को कुल छह विषय पढ़ने होंगे और प्रत्येक में पास होना अनिवार्य होगा। 

10वीं में होंगी 3 भाषाएं

इसी के साथ आपको बता दें कि अब 10वीं कक्षा में तीन भाषाएं शामिल होंगी। जिसमें दो भाषाएं भारत की और एक विदेशों में बोली जाने वाली हो सकती है। वहीं सात मुख्य विषय होंगे। इसमें  विज्ञान, कला शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, गणित व कम्प्यूटेशनल थिंकिंग, सामाजिक विज्ञान, व्यावसायिक शिक्षा और कल्याण अंत: विषय क्षेत्र शामिल हैं। विद्यार्थी को सभी 10 विषयों में उत्तीर्ण होना होगा।

12वीं में दो भाषा विषय होंगे शामिल

वहीं 12वीं में अब विद्यार्थियों को एक के बजाय दो भाषाएं पढ़नी होंगी। इसमें भाषा भारत में बोली जाने वाली एक और एक दूसरे देश की हो सकती है। वहीं 12वीं चार मुख्य विषय और एक वैकल्पिक विषय होगा। यह सभी विद्यार्थियों को चयनित करने होंगे। एनसीआरएफ के तहत इन विषयों को तीन समूह में बांटा गया है। जिसमें से विद्यार्थियों को किसी दो समूह से चार विषय चयनित करने होंगे। पहले समूह में संगीत, नृत्य, थिएटर, स्कल्पचर, पेंटिग, शारीरिक शिक्षा और कल्याण व व्यावसायिक शिक्षा शामिल है। दूसरे समूह में इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, वाणिज्य व पर्यावरण शिक्षा शामिल है। तीसरे समूह में गणित, प्रोग्राम व कोडिंग, बिजनेस गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान व जीव विज्ञान शामिल है।

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