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लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न, क्या होता है भारत रत्न, कैसे होता है इसका चयन?

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(Special Story) बीजेपी के  वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को 96 साल की उम्र में भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इसकी जानकारी दी है। पीएम ने सोशल मीडिया X पर इसकी जानकारी फोटो के साथ शेयर की है। आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और देशमुख के बाद यह सम्मान पाने वाले तीसरे भाजपा नेता हैं। जिन्हें देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान दिया जाएगा। भारत रत्न सम्मान के एलान के बाद पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी पहली बार नज़र आए। अपने घर से हाथ हिलाकर उन्होंने मीडियाकर्मियों और लोगों का अभिवादन किया। उनके साथ उनकी बेटी प्रतिभा आडवाणी भी नज़र आईं। बेटी ने भारत रत्न सम्मान के बाद उनका मुंह मीठा कराया और उनको गले लगाकर बधाई दी। आइए आपको विस्तार से बताते हैं आडवाणी के राजनैतिक सफर और भारत रत्न सम्मान के बारे में..

मोदी ने कही ये बात-

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर आडवाणी के साथ अपनी 2 तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा है कि- मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। PM ने लिखा, 'वे हमारे समय के सबसे सम्मानित स्टेट्समैन हैं। देश के विकास के लिए उनका योगदान कोई भूल नहीं सकता है। आडवाणी जी ने जमीनी स्तर से काम शुरू किया था और वे देश के उपप्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। वे देश के गृहमंत्री और सूचना-प्रसारण भी रहे हैं। उनकी संसदीय कार्यशैली हमेशा अनुकरणीय रहेगी।

मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे उनसे सीखने का मौका मिला-

पीएम मोदी आगे लिखते हैं कि सार्वजनिक जीवन में आडवाणी जी की दशकों लंबी सेवा को पारदर्शिता और अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता द्वारा चिह्नित किया गया है, जिसने राजनीतिक नैतिकता में एक अनुकरणीय मानक स्थापित किया है। उन्होंने राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में अद्वितीय प्रयास किए हैं। उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है।' मैं इसे हमेशा अपना सौभाग्य मानूंगा कि मुझे उनके साथ बातचीत करने और उनसे सीखने के अनगिनत अवसर मिले।

आडवाणी को भारत रत्न देने पर CM योगी ने दी बधाई-

लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न सम्मान देने की घोषणा पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुशी जताई है। सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से लालकृष्ण आडवाणी को बधाई दी है। योगी ने कहा है कि राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान के लिए लाल कृष्ण आडवाणी द्वारा किए गए प्रयास सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी को देश का सर्वोच्च पुरस्कार प्रदान किए जाने के निर्णय की प्रशंसा करते हुए, कहा कि वह न सिर्फ भाजपा के संस्थापक सदस्य हैं, बल्कि देश और दुनिया में भाजपा के असंख्य कार्यकर्ताओं के प्रेरणास्रोत भी हैं। उन्होंने कहा कि उनके सार्वजनिक जीवन में दशकों की सेवा, प्रतिबद्धता और राष्ट्र की अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता झलकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि आडवाणी जी ने अपने राजनैतिक जीवन में शुचिता एवं नैतिकता के उच्च मानक स्थापित किए हैं। यह पुरस्कार उनके अद्वितीय प्रयासों को सम्मानित करने वाला है।

आडवाणी को 2015 में  मिला था पद्म विभूषण-

आपको बात दें कि लालकृष्ण आडवाणी 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वे  7वें उप-प्रधानमंत्री  रहे हैं। इससे पहले 1998 से 2004 के बीच NDA सरकार में लालकृष्ण आडवाणी गृहमंत्री रहे हैं। वे भाजपा के फाउंडर मेंबर्स में से हैं। उनको वर्ष 2015 में पद्म विभूषण सम्मान मिला था।

पाकिस्तान में जन्में आडवाणी- 

लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को सिंध प्रांत (पाकिस्तान) में हुआ था। जब भारत का विभाजन नहीं हुआ था। उन्होंने कराची के सेंट पैट्रिक्स स्कूल से पढ़ाई की है। 1942 में आडवाणी ने भारत छोडो आंदोलन के दौरान गिडूमल नेशनल कॉलेज में दाखिला लिया था। इसके बाद उन्होंने 1944 में कराची के मॉडल हाई स्कूल में बतौर शिक्षक नौकरी की थी। आडवाणी जब महज 14 साल के थे, उन्होंने अपना जीवन देश के नाम कर दिया था। 1947 में देश का बंटवारा होने के बाद आडवाणी के परिवार को अपना घर छोड़कर भारत आना पड़ा। उन्होंने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से लॉ में स्नातक किया। इस दौरान वह संघ से भी जुड़े रहे। किशन चंद आडवाणी के घर जन्मे लालकृष्ण आडवाणी ने 25 फरवरी 1965 को कमला आडवाणी से शादी की। आपको  बता दें कि उनके दो बच्चें हैं, जिनका नाम प्रतिभा और जयंत हैं।

आडवाणी का राजनैतिक सफर- 

लालकृष्ण आडवाणी के राजनीतिक करियर की बात की जाए तो इसकी शुरुआत 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि (RSS) के वालंटियर के तौर पर हुई थी। आडवाणी 1970 से 1972 तक जनसंघ की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष रहे हैं। 1973 से 1977 तक वे जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। 1970 से 1989 तक वे चार बार राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। इस बीच 1977 में वे जनता पार्टी के महासचिव भी रहे हैं। 1977 से 1979 तक वे केंद्र में मोरारजी देसाई की अगुआई में बनी जनता पार्टी की सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री भी रहे हैं। आडवाणी 1986-91 और 1993-98 और 2004-05 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं। 1989 में वे 9वीं लोकसभा के लिए दिल्ली से सांसद चुने गए थे। 1989-91 तक वे लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। 1991, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में आडवाणी गांधीनगर से लोकसभा सांसद चुने गए थे। 1998 से लेकर 2004 तक एनडीए सरकार में गृह मंत्री रहे। वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 2002 से 2005 तक उप प्रधानमंत्री भी रहे हैं। वर्तमान समय में वो बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल में हैं।

क्या होता है भारत रत्न सम्मान-

भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो किसी भी क्षेत्र में असाधारण और सर्वोच्च सेवा देने वाले व्यक्ति को दिया जाता है। यह पुरस्कार जाति, व्यवसाय, स्थिति या जेंडर को देखे बिना, उल्लेखनीय कार्य के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार को देने के लिए ऐसे व्यक्ति विशेष का चयन किया जाता है जिसने किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा प्रदान की हो। भारत रत्न पुरस्कार की इसकी शुरुआत 2 जनवरी 1954 में देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने की थी। यह सम्मान एक साल में अधिकतम 3 लोगों को ही दिया जाता है। अभी तक यह पुरस्कार सिर्फ 49 लोगों को ही दिया गया है। अब इसमें लालकृष्ण आडवाणी का नाम भी जुड़ जाएगा। राज्यवार विवरण की बात की जाए तो देश में केवल 12 राज्य ही ऐसे हैं जिन्हें भारत रत्न पाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। जबकि देश में वर्तमान में 28 राज्य और आठ केंद्र शासित प्रदेश हैं। यानि अधिकांश राज्यों को अभी तक यह सम्मान नहीं मिल सका है।

भारत रत्न पुरस्कार में क्या दिया जाता है- 

आपको बता दें कि इसमें पुरस्‍कार के रूप में दिए जाने वाले सम्‍मान में 35 मिलिमीटर व्‍यास वाला एक गोलाकार स्‍वर्ण पदक शामिल होता है। इस स्‍वर्ण पदक पर सूर्य और ऊपर हिन्‍दी भाषा में ''भारत रत्‍न'' लिखा होता है। स्‍वर्ण पदक के पीछे शासकीय संकेत और आदर्श-वाक्‍य लिखा होता है। इस पुरस्कार के तहत प्राप्तकर्ता को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रमाण पत्र और एक पदक मिलता है। स्‍वर्ण पदक पाने वाले व्यक्ति को कोई धनराशि नही दी जाती है।

भारत रत्न पाने वाले को मिलती है ये छूट-

भारत रत्न प्राप्त करने वाले व्यक्ति को कैबिनेट मंत्री के बराबर वीआईपी का दर्जा मिलता है। भारत रत्न पाने वाले को आयकर से छूट भी मिलती है। साथ ही वह संसद की बैठकों और सत्र में शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों में विशेष अतिथि के तौर पर भी भाग ले सकते हैं। इन्हें हवाई जहाज, ट्रेन और बस में निशुल्क यात्रा की सुविधा मिलती है और यदि किसी राज्य में घूमने जाए तो उन्हें राज्य अतिथि का सम्मान प्राप्त होता है। संविधान के अनुच्छेद 18 (1) के अनुसार पुरस्कार प्राप्त करने वाले अपने नाम के उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में ‘भारत रत्न’ का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। हालांकि वे अपने बॉयोडाटा, विजिटिंग कार्ड, लेटर हेड आदि में राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित भारत रत्न या भारत रत्न पुरस्कार प्राप्तकर्ता जोड़ सकते हैं। जिन्हें भारत रत्न मिलता है उन्हें सरकार वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंस में जगह देती है। वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंस का इस्तेमाल सरकारी कार्यक्रमों में वरीयता देने के लिए होता है। 7 राज्य सरकारें भारत रत्न प्राप्त हस्तियों को अपने राज्यों में सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं।

कैसे होता है चयन-

भारत के प्रधानमंत्री भारत रत्न पुरस्कार के लिए किसी व्यक्ति के नाम की सिफारिश राष्ट्रपति को करते हैं। भारत रत्न के लिए किसी औपचारिक सिफारिश की जरूरत नहीं होती कोई भी व्यक्ति जाति, पेशा, पद या लिंग के आधार पर अंतर किए बिना इस पुरस्कार के लिए योग्य माना जा सकता है। 

अब तक इतने लोगों को मिला भारत रत्न-

अभी तक 48 लोगों को भारत रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया है। जबकि हालही में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (मरणोपरांत) से सम्मानित किए जाने का ऐलान किया गया था। इसके बाद आज लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने का ऐलान किया गया है। इस प्रकार से अब भारत की दिए जाने वालों में 2 नाम और जुड़ जाएंगे जिसके बाद यह संख्या 50 हो जाएगी। आपको बता दें कि सबसे पहले वर्ष 1954 में, डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, और डॉक्टर चन्‍द्रशेखर वेंकटरमण को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।इसके बाद 1955  फिर से 3 लोगों को, डॉक्टर भगवान दास और सर डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या और पंडित जवाहर लाल नेहरु को इस सम्मान से सम्मानित किया गया था।

 

 

 

 

 

 

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