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मेडिकल साइंस की दुनिया में एक बड़ा कारनामा सामने आया है। पहली बार डॉक्टरों ने आनुवांशिक रूप से संशोधित सूअर की किडनी को मनुष्य में ट्रांसप्लांट कर दिया है। ये उन लोगों के लिए वरदान है जो किडनी की समस्याओं से जूझ रहे हैं। ये ऐतिहासिक कारनामा अमेरिका के डॉक्टरों ने कर दिखाया है।
अमेरिका के बोस्टन शहर में मैसाच्यूसेट्स अस्पताल के डॉक्टरों ने 62 साल के मरीज रिचर्ड स्लेमैन में सुअर की किडनी का सफल ट्रांसप्लांट किया है। और वो इस तरह की किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले पहले व्यक्ति बन गए हैं। डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें बहुत जल्द अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा सकता है।आपको बता दें कि साल 1954 में इसी अस्पताल में दुनिया का पहला किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था।
पहले हुई थी इंसानी किडनी का ट्रांसप्लांट-
एक रिपोर्ट के अनुसार रिचर्ड स्लेमैन ने बताया था कि वो 11 सालों से अस्पताल के ट्रांसप्लांट कार्यक्रम में एक मरीज थे। कई सालों से डायबिटीज और हाई ब्लडप्रेशर से बीमार रहने के बाद साल 2018 में उनको एक इंसानी किडनी ट्रांसप्लांट की गई थी। लेकिन 5 साल के अंदर ही उनकी किडनी फेल हो गई। जो किडनी रिचर्ड में लगाई गई है वह मेसाच्यूसेट्स के ईजेनेसिस ऑफ कैंब्रिज सेंटर में विकसित सूअर की लगाई गई है। वैज्ञानिकों ने इस सूअर से उस जीन को निकाल दिया जिससे इंसान को खतरा था। इसके साथ ही कुछ इंसान के जीन को जोड़ा भी गया जिससे क्षमता में वृद्धि हुई।
किडनी मरीजों के लिए वरदान-
नेचर जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इंसान में सूअर की किडनी को ट्रांसप्लांट करने से पहले इसी तरह दूसरे सूअर के जीन में भी इंजीनियरिंग की गई और इस जेनेटिकली संशोधित किडनी को पहले एक बंदर में ट्रांसप्लांट किया गया था। फिर इसे लगभग 176 दिनों तक जिंदा रखा गया। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में लेंगोन ट्रांसप्लांट इंस्टीट्यूट के डॉ. रोबर्ट मोंटेगोमेरी ने बताया कि जेनेट्रासप्लांटेशन के क्षेत्र में तरक्की का नया चैप्टर है।
Baten UP Ki Desk
Published : 22 March, 2024, 6:15 pm
Author Info : Baten UP Ki