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अबू धाबी के क्राउन प्रिंस ने भारत को दी ऐसी सौगात, जो देगी 15 सालों तक फायदा, जानिए क्या-क्या हुई डील

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अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने हाल ही में भारत दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जिसमें दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर गहन चर्चा हुई। इस मुलाकात का प्रमुख फोकस ऊर्जा सुरक्षा और दीर्घकालिक सहयोग पर रहा। इसके परिणामस्वरूप भारत और यूएई के बीच पांच महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जिनमें से सबसे प्रमुख समझौता अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (ADNOC) और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOC) के बीच LNG (तरलीकृत प्राकृतिक गैस) की आपूर्ति को लेकर है।

IOC को हर साल 10 लाख टन LNG की आपूर्ति-

समझौते के तहत ADNOC अगले 15 सालों तक IOC को हर साल 10 लाख टन LNG की आपूर्ति करेगा। यह तीसरा एलएनजी आपूर्ति समझौता है जो पिछले एक साल के भीतर ADNOC और भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के बीच हुआ है। ADNOC अपने रूवैस एनजी प्रोजेक्ट से यह LNG सप्लाई करेगा, जिससे भारत की ऊर्जा जरूरतों को काफी हद तक पूरा किया जा सकेगा। इसके पहले, जुलाई 2023 में ADNOC ने सालाना 12 लाख टन LNG की आपूर्ति के लिए IOC के साथ एक समझौता किया था। इस 14 साल के समझौते की कुल लागत 7 से 9 अरब डॉलर के बीच थी। नए समझौते के साथ, भारत-यूएई के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग और अधिक सुदृढ़ हुआ है, जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा को और मजबूती प्रदान करेगा। इन समझौतों से यह स्पष्ट होता है कि भारत और यूएई के बीच ऊर्जा सहयोग लंबे समय तक चलने वाला है, जो दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

अबू धाबी के क्राउन प्रिंस के रूप में पहली आधिकारिक यात्रा

नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबू धाबी के क्राउन प्रिंस, शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान का गर्मजोशी से स्वागत किया। यह शेख खालिद की अबू धाबी के क्राउन प्रिंस के रूप में पहली आधिकारिक यात्रा थी, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच संबंधों को और गहरा करना और व्यापक रणनीतिक साझेदारी (Strategic Partnership) को सुदृढ़ करना था।

पांच महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और क्राउन प्रिंस शेख खालिद ने इस मुलाकात के दौरान पांच महत्वपूर्ण समझौतों (Agreements) पर हस्ताक्षर किए, जो दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूती देंगे। आइए, इन समझौतों पर एक नजर डालते हैं:

1. न्यूक्लियर एनर्जी (Nuclear Energy): भारत के न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन और UAE के एमिरेट्स न्यूक्लियर एनर्जी कंपनी के बीच बराकाह परमाणु ऊर्जा संयंत्र (Barakah Nuclear Power Plant) के संचालन और रखरखाव के लिए समझौता।
  
2. एलएनजी सप्लाई (LNG Supply): अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (ADNOC) और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) के बीच Liquefied Natural Gas (LNG) की दीर्घकालिक आपूर्ति के लिए समझौता।

3. फूड पार्क्स (Food Parks): गुजरात सरकार और अबू धाबी डिवेलपमेंटल होल्डिंग कंपनी के बीच भारत में खाद्य पार्कों के विकास के लिए समझौता।

4. विज्ञान और प्रौद्योगिकी (Science & Technology): भारत और UAE के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समझौता।

5. सांस्कृतिक और शैक्षणिक सहयोग (Cultural & Educational Cooperation): दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और शैक्षणिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए समझौता।

राष्ट्रपति भवन में मुलाकात और राजघाट पर श्रद्धांजलि-

इसके बाद, क्राउन प्रिंस शेख खालिद ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की और राजघाट पर एक पौधा भी लगाया। शेख खालिद UAE के तीसरे पीढ़ी के नेता हैं, जिन्होंने राजघाट पर पौधारोपण किया है। इससे पहले, पूर्व राष्ट्रपति शेख जायेद बिन सुलतान अल नाहयान और वर्तमान राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद भी ऐसा कर चुके हैं।

भारत और UAE के बीच नई पहल-

भारत और UAE के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए कई नई पहलें की गई हैं। इनमें प्रमुख है भारत के UPI और UAE के AANI पेमेंट प्लेटफॉर्म्स का इंटरलिंकिंग, जिससे दोनों देशों के नागरिक अपनी-अपनी मुद्रा में लेन-देन कर सकें। इसके अलावा, RuPay और Jawan Card को भी इंटरलिंक किया गया है, जिससे भुगतान प्रणाली को और सुगम बनाया जा सके।

UAE, भारत का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा आयातक

UAE, भारत का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा आयातक देश है और हाल ही में भारत ने पहली बार भारतीय रुपये में कच्चे तेल का आयात भी किया है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध और मजबूत होंगे।

भारत-UAE के ऐतिहासिक संबंध

भारत और UAE के बीच राजनयिक संबंध 1972 में स्थापित हुए थे। इन वर्षों में, दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी प्रगति हुई है, विशेषकर 2015 से जब व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (Comprehensive Economic Partnership Agreement) पर हस्ताक्षर हुए। 2022 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 85 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक सात बार UAE की यात्रा की है, जो दोनों देशों के बीच संबंधों की गहराई को दर्शाता है। अब, देखना होगा कि क्राउन प्रिंस शेख खालिद की इस यात्रा के बाद दोनों देशों के संबंध किस दिशा में आगे बढ़ते हैं।

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