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क्यों चर्चित है कैराना लोकसभा सीट? क्या बीजेपी का काम बिगाड़ सकती हैं इकरा?

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(Special Story) लोकसभा चुनाव के पहले चरण में देश की कुल 102 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। इसके लिए 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। इस दौरान यूपी की जिन 8 सीटों पर वोटिंग होगी उनमें रामपुर, सहारनपुर, पीलीभीत, नगीना, बिजनौर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर और कैराना लोकसभा सीट शामिल है। कैराना लोकसभा सीट चर्चित रही है। 2015 के दौरान कैराना में पलायन का मुद्दा ऐसा उठा था कि बच्चे-बच्चे की जुबान पर यह नाम चढ़ गया था। अब 2024 लोकसभा चुनाव में आइए जानने की कोशिश करते हैं कि इस सीट के क्या हैं  सियासी समीकरण और मुद्दे ...

कैराना लोकसभा सीट का इतिहास-

कैराना पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली ज़िले में स्थित सबसे बड़ा औद्योगिक शहर है। कैराना एक पिछड़ा हुआ इलाका माना जाता है। कैराना के इतिहास की बात की जाए तो किवदंतियो के मुताबकि कैराना की स्थापना महाभारत काल में अंगराज कर्ण ने की थी। माना जाता है कि महाभारतकाल में इस नगर का नाम 'कर्णपुरी' था। इसके साथ ही कैराना उत्तर भारतीय संगीत के प्रसिद्ध 'किराना घराना' की जन्मस्थली भी है। कैराना  2015 पलायन" के मुद्दे के बाद काफी सुर्खियों में रहा था जिसके चलते यह नाम लोगों की जुबान पर चढ़ गया था। 

कैराना पर किसका कब्जा-

हिन्दू, मुसलमान गुजर बहुल इलाके कैराना में किसी एक दल का कब्जा नहीं रहा। यहां समीकरण बदलते रहे हैं। जहां कैराना में कांग्रेस पिछले 40 सालों से जीत का इंतजार कर रही है। वहीं 2014 में यहां से हुकुम सिंह सांसद बने  और 2019 में बीजेपी के प्रदीप कुमार ने जीत हासिल की। हलांकि 2018 में हुए उपचुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था। सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद बीजेपी ने यहां से उनकी बेटी को मैदान में उतारा था लेकिन वो हार गईं। इस बार यानि 2024 के लोकसभा चुनाव में जहां बीजेपी से बीजेपी से प्रदीप चौधरी मैदान में हैं तो वहीं इंडी गठबंधन से इकरा हसन को मैदान में उतारा गया है। जबकि बसपा ने धर्म सिंह सैनी को मैदान में उतारा है। वैसे तो तीनों प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं लेकिन जानकारों के मुताबिक इस बार बीजेपी के प्रदीप चौधरी और इकरा हसन के बीच मुकाबला बताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि इकरा बीजेपी का काम इस बार बिगाड़ सकती हैं। 

2019 के लोकसभा चुनाव किसे क्या मिला-

2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो इस चुनाव में 13 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच ही रहा था। बीजेपी के प्रदीप कुमार को चुनाव में 566,961 वोट मिले थे तो वहीं समाजवादी पार्टी की तबस्सुम बेगम के खाते में 474,801 वोट आए थे। कांग्रेस के हरेंद्र सिंह मलिक तीसरे स्थान पर रहे थे। अधिक मुस्लिम आबादी वाली इस सीट पर बीजेपी के प्रदीप कुमार ने 92,160 (8.2%) मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच आपसी गठबंधन था और इस लिहाज से यहां से सपा ने अपना उम्मीदवार उतारा था।

कैराना सीट पर जातीय समीकरण-

कैराना लोकसभा सीट का इलाका हिन्दू, मुसलमान और गुजर बहुल माना जाता है। इसी को देखते हुए सपा ने इकरा हसन को अपना उम्मीदवार बनाया है, तो वहीं बीजेपी ने प्रदीप चौधरी को। दोनों गुजर हैं, लेकिन अब यहां की सियासत में बिरादरी से बड़ा धर्म का झोल है। कैराना लोकसभा में पांच विधानसभा मौजूद हैं। जिसमें कैराना, शामली, थाना भवन नुकुड़ और गंगोह विधानसभा सीट है। इन विधानसभा सीटों में 2 बीजेपी के पास तो 2 आरएलडी के पास हैं जबकि एक सपा के खाते में गई है। कैराना लोकसभा में जातीय समीकरण की बात की जाए तो यहां पर सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं। 2011 की जनसंख्या के मुताबिक मुस्लिम वोटरों की संख्या करीब 5:45 लाख के आसपास है। कैराना सीट पर मुस्लिम वोटर्स निर्णायक की भूमिका में रहते हैं। उसके बाद दलित वर्ग के तकरीबन ढाई लाख वोटर हैं।  कैराना में तकरीबन ढाई लाख के आसपास जाट वोटर हैं।

कैराना किसका गढ़, कितने फीसदी किसके वोट-

उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट अहम है, यहां बीजेपी ने कब्ज़ा जमाया हुआ है। इस बार भी इस सीट पर कमल खिलेगा ऐसा अभी से नहीं कहा जा सकता है। कैराना में 2014 और 2019 दोनों बार बीजेपी जीत चुकी है। इस सीट पर जाट गूजर मुस्लिम और दलित वोटरों की अहम भूमिका है। आंकड़ों पर नज़र डालें तो शामली जिले में 57.09 फीसदी वोटर हिन्दू हैं जबकि 41.73 फीसदी आबादी मुस्लिम है। कैराना में मुस्लिम आबादी ज्यादा है। इसमें ग्रामीण वोटरों की संख्या  -12 लाख 73 हजार 480 है जबकि शहरी वोटर- 4 लाख 2 हजार 152 हैं। साल 2019 में कुल वोटर -16 लाख 75 हजार 632 थे।

CM योगी ने रैली में उठाया पलायन का मुद्दा-

अभी हाल ही में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शामली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि कैराना पौराणिक और ऐतिहासिक धरा हैं। इसने इतिहास का उतार-चढ़ाव देखा है, तो इतिहास को बनते भी देखा है। इस धरा को मैं नमन करता हूं। सीएम योगी ने कहा कि वोट में बहुत ताकत होती है। जब वोट गलत हाथ में जाता है तो कैराना में पलायन होता है, और कर्फ्यू लगता है और जब वोट सही हाथ में जाता है, तो कांवड़ यात्रा निकलती है। विकास भी धूम धड़ाके के साथ होता है।

सीएम योगी ने कहा कि अब व्यापारी और बहन-बेटी सुरक्षित है। विकास का पहिया तेजी से घूम रहा है। आजिविका बढ़ रही है। आस्था भी साफ दिखाई दे रही है। पांच सौ साल बाद राम लला ने होली खेली है। यह सब सही वोट के चलते ही हुआ है। आज आपके पासपोर्ट की दुनिया में ताकत है। पहले जब कोई विदेश जाता था, तो उसको उतना मान-सम्मान नहीं मिलता था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है।

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