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यूपी की महिलाओं ने किया कमाल, इतने फीसदी बढ़ी आय

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उत्तर प्रदेश में उद्योगों के साथ ही यहां की महिलाओं की आर्थिक सेहत में भी सुधार हुआ है। पिछले साल की तुलना में यूपी की शहरी महिलाओं की आर्थिक स्थिति में बढ़ोतरी हुई है। शहरी महिलाओं की आय 19 हजार से बढ़कर 22 हजार रुपये हो गई है। केंद्र सरकार के राष्ट्रीय पीरियाडिक लेबर फोर्स के सर्वे में ये बात सामने आई है।

शहरी महिलाओं की बढ़ी आय-

उत्तर प्रदेश में महिलाओं की आय में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। केंद्र सरकार के राष्ट्रीय पीरियाडिक लेबर फोर्स सर्वे में जारी हुए आकड़ों के अनुसार, बीते वर्ष जुलाई से सितंबर के बीच यूपी में ग्रामीण महिलाओं की आय जहां 8,936 रूपए थी जो अप्रैल 23 से जून 23 के बीच बढ़कर 20 हजार से ज्यादा हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण महिला श्रम बल भागीदारी दर के मुताबिक़ साल 2018-19 में यह दर लगभग 20 प्रतिशत थी, जो 2020-21 में बढ़कर 28 प्रतिशत हो गई है। वर्ष 2022-23 में यह दर 53 फीसदी तक पहुंच गई है। इस बीच ग्रामीण पुरुषों की आय 15 हज़ार से बढ़कर 19 हज़ार हो गई। शहरी क्षेत्रों की बात करें तो इसमें कुछ ख़ास अंतर देखने को नहीं मिला, हालांकि शहरी महिलाओं की आय 19 हज़ार से 22 हज़ार रूपए हो गई। महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार के पीछे प्रदेश सरकार की एक जिला एक उत्पाद योजना ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ODOP की मांग में आई तेजी का असर ग्रामीण क्षेत्रों में भी दिख रहा है। इन उत्पादों के बढ़ते आर्डर घर से बहार न निकलने वाली महिलाओं के पास भी पहुंच गए है। 

बड़े कारखानों में श्रमिकों के रोजगार में आई तेजी-

बड़े कारखानों में श्रमिकों को रोजगार में तेजी देखने को मिल रही है। विनिर्माण इकाइयों (Manufacturing Units) के विस्तार का संकेत है। नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस की और से जारी की गई पीरियाडिक लेबर फ़ोर्स सर्वे की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, देश में जुलाई 2022 से जून 2023 के बीच राष्ट्रीय स्तर पर 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की बेरोजगारी दर सामान्य स्थिति में वर्ष 2021-22 में 4.1 से 3.2 प्रतिशत पर हो गई है। बेरोजगारी दर को श्रमबल में बेरोजगार लोगों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है।

क्या है पीरियाडिक लेबर फ़ोर्स सर्वे-

आइए आपको बताते हैं कि पीरियाडिक लेबर फ़ोर्स सर्वे क्या होता है।आवधिक श्रम बल सर्वे, जिसे अंग्रेजी में Periodic Labour Force Survey (PLFS) कहा जाता है, एक ऐसा सर्वेक्षण है जो भारतीय श्रम बाजार के बारे में जानकारी संकलित करता है। यह सर्वेक्षण भारतीय अर्थव्यवस्था, रोजगार, श्रम शर्तें, और अन्य श्रम संबंधित मुद्दों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए कार्यरत है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था में रोजगार के स्तर, उपभोक्ता खर्च, किसानों की आय, और अन्य अर्थव्यवस्था संबंधी तथ्यों को मापता है। इस सर्वेक्षण के माध्यम से, सरकार और नीति निर्माताओं को आधिकारिक और विश्वसनीय डेटा प्राप्त करने में मदद मिलती है जो उन्हें नीतियों को संशोधित और सुधारित करने की आवश्यकता को दर्शाता है।

 

 

 

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