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उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022

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सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं को तलाशने के साथ-साथ कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने की दोहरी मंशा से योगी आदित्यनाथ सरकार नई सौर ऊर्जा नीति 2022 लेकर आई है। नई नीति में गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से बिजली उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया गया है और अगले पांच वर्षों में 22 हजार मेगावाट उत्पादन क्षमता हासिल करने का लक्ष्य तय किया गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य सरकार अगले पांच वर्षों में 7698 करोड़ रुपये विभिन्न मद में खर्च करेगी।

नीति के प्रमुख बिंदु

  • नई सौर ऊर्जा नीति रोजगार सृजन पर फोकस है। इसमें 30 हजार युवाओं को रोजगार से जोड़ने की बात कही गई है, इन्हें सूर्य मित्र कहा जाएगा।
  • नीति में स्टोरेज सिस्टम के साथ सोलर पार्क की स्थापना करने वाले निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए कैपिटल सब्सिडी को बढ़ाया गया है।
  • अन्य नीतियों की तर्ज पर स्टैंप ड्यूटी व इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी में छूट का तोहफा दिया गया है।
  • नीति में अयोध्या शहर को मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित करने का भी प्रावधान किया गया है।

नीति का क्षेत्रीय विस्तार 
प्रदेश के 16 नगर निगमों तथा नोएडा को भी सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। सोलर सिटी के रूप में विकसित किए जाने वाले शहरों में कुल पारंपरिक ऊर्जा की अनुमानित मांग की न्यूनतम 10 प्रतिशत ऊर्जा स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्रों से पूरी की जाएगी। नीति के तहत वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 100 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से राज्य सरकार, नगर निगमों व नोएडा सिटी को सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी।

अनुदान और अन्य सुविधाएँ 
स्टोरेज सिस्टम के साथ पांच मेगावाट या उससे अधिक क्षमता के स्थापित सोलर पार्कों को 2.5 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट की दर से पूंजीगत अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। इससे सौर ऊर्जा को स्टोर कर पीक लोड के समय विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी। सोलर पार्क स्थापित करने वाले निवेशकों को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के साथ-साथ ओपन एक्सेस के माध्यम से अन्य औद्योगिक इकाई को बिजली विक्रय करने का विकल्प दिया जाएगा। ओपन एक्सेस से बिजली बेचने पर भी राज्य के ट्रांसमिशन तंत्र पर देय चार्ज पर शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी।

बुंदेलखंड एवं पूर्वांचल के लिए विशेष प्रावधान 
बुंदेलखंड एवं पूर्वांचल क्षेत्र में इन परियोजनाओं के ग्रिड संयोजन के लिए उनकी उत्पादन क्षमता पर व्यय होने वाली लागत का वहन राज्य सरकार करेगी। सोलर पार्कों की स्थापना के लिए ग्राम सभा की भूमि अधिकतम 30 वर्ष के लिए लीज पर दी जा सकेगी। सार्वजनिक क्षेत्रों में स्थापित होने वाले सोलर पार्कों से एक रुपये प्रति एकड़ प्रतिवर्ष की दर से तथा निजी क्षेत्र में स्थापित होने वाले सोलर पार्कों से 15000 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर से लीज रेंट लिया जाएगा। निवेशको को शत-प्रतिशत स्टैंप ड्यूटी में छूट दी जाएगी। इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में भी 10 वर्ष के लिए शतप्रतिशत छूट दी जाएगी। 

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