उत्तर प्रदेश आईटी नीति 2022
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में नवम्बर 2022 को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में नई आईटी नीति 2022 को मंजूरी दी गई है। जिसके तहत उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल, पश्चिमांचल, मध्यांचल और बुंदेलखंड सहित हर क्षेत्र में आईटी सिटी बनाने और हर डिवीजन में एक आईटी पार्क बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।
नीति के प्रमुख बिंदु
- नई नीति के तहत अगर निजी क्षेत्र के निवेशक आईटी पार्क बनाते हैं, तो उन्हें 25 प्रतिशत या 20 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी तो दी ही जाएगी साथ ही स्टाम्प शुल्क में 100 प्रतिशत तक छूट मिलेगी।
- आईटी सिटी को विकसित करने पर प्रदेश सरकार 25 प्रतिशत या 100 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी प्रदान करेगी। यदि कोई निवेशक आईटी सिटी बनाने का इच्छुक है तो यथा प्रकरण अलग-अलग तरह की सुविधाएं मिलेंगी।
- अभी तक आईटी सिटी की परिकल्पना लखनऊ और गाजियाबाद या नोएडा तक ही सीमित थी। इस नीति में क्षेत्रीय विस्तार बढ़ाते हुए समस्त उत्तर प्रदेश तक फ़ैलाने का प्रावधान किया गया।
युवाओं के लिए विशेष प्रावधान
- उत्तर प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने के लिए निजी आईटी कंपनियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके तहत अगर कोई कंपनी उत्तर प्रदेश के युवाओं को ज्यादा तवज्जो देती है, तो उसके लिए भर्ती सहायता का प्रावधान किया गया है।
- उत्तर प्रदेश के मूल निवासी और उत्तर प्रदेश के विद्यालयों से पढ़े कम से कम 30 युवाओं को रोजगार देने वाली इकाइयों हर साल 20 हजार रुपए प्रति छात्र एकबारगी नियुक्ति सहायता भी प्रदान किया जायेगा।
- उभरती प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में छात्रों या कर्मचारियों को अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए भी सरकार मदद करेगी। कौशल विकास के लिए चुनिंदा पाठ्यक्रमों और संस्थानों में ऑनलाइन या ऑफलाइन पढ़ाई के लिए सरकार पाठ्यक्रम के शुल्क का 50 प्रतिशत या अधिक से अधिक 50 हजार रुपए तक का सहयोग करेगी
रोजगार देने वाली आईटी इकाइयों को भी राहत
- इस नीति में महिलाओं, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के छात्रों, किन्नरों और दिव्यांगों को रोजगार देने वाली आईटी इकाइयों को राहत प्रदान करते हुए ईपीएफ प्रतिपूर्ति की सुविधा दी जाएगी। यह सुविधा नई इकाइयों के साथ-साथ विस्तार करने वाली इकाइयों को तो मिलेगी ही साथ ही वर्क फ्रॉम होम के भी कर्मचारियों और इकाइयों को भी मिलेगी।