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25 नवंबर, 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने निर्यात नीति उत्तर प्रदेश 2020-25 जारी कर दी गयी है। यूपी गवर्नमेंट के मुताबिक पहली बार इतनी बड़ी निर्यात नीति का प्रारूप जारी किया जा रहा है। इस नीति के जरिये सरकार के निर्यात के क्षेत्र में विकास एवं प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के साथ निर्यात सहायक संस्थाओं को निर्यात संबंधी आवश्यक सहायता व सेवा प्रदान करने, तकनीकी एवं भौतिक अवसंरचनाओं का निर्माण एवं विकास करने, लोकल लेवल पर बने उत्पादों को वैश्विक बाज़ार तक पहुंचाने के लिए अवसरों की तलाश करने जैसे कई अन्य जरुरी कार्य को करने का प्रयास करेगी। आइये जानते है निर्यात और नीति से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण विवरण के बारे में।
कोई राज्य निर्यात कब और क्यों करता है ?
कोई राज्य या देश अपने उत्पादों का निर्यात तब करता है जब चीजें उसके अपने लोगों के उपभोग से बच जाती है। निर्यात बढ़ने से राज्य की आय बढ़ेगी जिससे राज्य में लोक कल्याणकारी गतिविधियाँ बढ़ेंगी ,राज्य के लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठेगा । जो भी अर्थव्यवस्था निर्यात पर आधारित होती है उसे मज़बूत अर्थव्यवस्था के रूप में जाना जाता है।
निर्यात करने के लिए आवश्यक परिस्थिति
राज्य द्वारा निर्यात बढ़ाने के लिए सबसे पहले इतना उत्पादन करना होगा कि अपने नागरिकों के उपभोग के बाद अधिशेष बचे। इसलिए यह कहा जा सकता है कि निर्यात बढ़ाने के विनिर्माण को बढ़ावा देना होता है। यही आपको बता दे कि विनिर्माण वह प्रक्रिया होती है जिसमें कच्चे माल को एक प्रक्रिया से गुज़ार कर अंतिम उत्पाद को बनाया जाता है ।
निर्यात नीति 2020-25 के उद्देश्य
फोकस एरिया
इस नीति के फोकस एरिया हैं- हस्तशिल्प , कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद, इंजीनियरिंग गुड्स एंड टेक्सटाइल, चर्म उत्पाद, कालीन एवं दरियाँ, ग्लास एवं सिरेमिक उत्पाद, काष्ठ उत्पाद, स्पोर्ट्स गुड्स, रक्षा उत्पाद, सेवा क्षेत्र, शिक्षा पर्यटन, आई.टी. एवं आई.टी.ई.एस., मेडिकल वेल्यू ट्रेवल्स तथा लॉजिस्टिक्स हैं।
इसके तहत किये जाने वाले प्रमुख कार्य
Baten UP Ki Desk
Published : 6 March, 2023, 11:46 am
Author Info : Baten UP Ki