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यूपी में नहीं होगी बिजली की कमी, Renewable ऊर्जा का पावरहाउस बनेगा यूपी

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उत्तर प्रदेश को विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए योगी सरकार कई कदम उठा रही है। इसी के चलते प्रदेश में विद्युत उत्पादन को बढ़ाने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा का सहारा लिया जाएगा। इसके लिए जीबीसी 4.0 के मध्यम से उत्तर प्रदेश में 67 हजार करोड़ से नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की आठ परियोजनाओं का शुभारंभ होने जा रहा है। पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स (पीएसपी) में विद्युत उत्पादन का शुभारंभ होने से प्रदेश को एक स्थायी और हरित ऊर्जा क्रांति के लिए मंच मिलेगा, जबकि Renewable ऊर्जा के क्षेत्र में यूपी अग्रणी स्थान पर खुद को मजबूती से स्थापित कर सकेगा। 

सोनभद्र बनेगा केंद्र-
 
आपको बता दें कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की अधिकतम परियोजनाओं का शुभारंभ सोनभद्र जिले में हो रहा है। पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट को पर्यावरण के अनुकूल माना जाता है। इस क्षेत्र की प्रमुख पंप स्टोरेज परियोजनाओं में सबसे प्रमुख नाम ग्रीनको का है जिसका 3600 मेगावाट का संयंत्र है। सोन नदी पर निर्मित इस परियोजना के लिए जलाशय को एक बार भरने के लिए 43.66 एमसीएम तथा वार्षिक रिकूपिंग के लिए 27.629 एमसीएम पानी की आवश्यकता होगी। यह परियोजना गुरार, गारवा, पिंडारी, रानीदेव, मुहुना तथा बैजनाथ जैसे ओबरा तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्रामों की कायापलट कर सकती है।

कई कंपनियां यूपी में कर रही हैं निवेश-

यूपी में शुरू होने वाली इन परियोजनाओं के तहत कई कंपनियां निवेश के लिए तैयार हैं। ग्रीनको ग्रुप, टोरेंट पावर ग्रुप, जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी लिमिटेड,एसीएमई क्लीनटेक सॉल्यूशंस,अमुनरा इन्फ्राटेक एवं एग्रीटेक प्रा. लि. तथा अवाड़ा वॉटर बैटरी प्राइवेट जैसी कंपनियां उत्तर प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा निवेश करने को तैयार हैं।  इन आठ परियोजनाओं में से छह सोनभद्र तथा दो मिर्जापुर व चंदौली जिलों में स्थित हैं। इनकी सामूहिक क्षमता 13,250 मेगावाट है। सोनभद्र की परियोजनाओं के लिए जल सोन नदी से लिया जाएगा, जबकि मिर्जापुर तथा चंदौली के लिए जल का स्रोत अदवा डैम तथा मूसाखंड डैम होंगे।

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