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सकारात्मक औद्योगिक नीतियों का असर, यूपी सरकार का 1443 करोड़ बढ़ा राजस्व

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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की सकारात्मक नीतियों के चलते प्रदेश के राजस्व में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले साल के मुकाबले इस साल काफी राजस्व बढ़ा है। पिछले साल जुलाई की तुलना में इस जुलाई में सरकार को 1443 करोड़ रुपये का राजस्व ज्यादा मिला है। इसकी बड़ी वजह ईज आफ डुइंग बिजनेस भी हैं। प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने मासिक राजस्व समीक्षा के दौरान विभिन्न विभागों के कामकाज की जानकारी दी। वित्तमंत्री ने बताया कि इस वित्त वर्ष की जुलाई में सरकार को 15418.34 करोड़ का राजस्व मिला। जबकि पिछले साल जुलाई में यह 13974.82 करोड़ रुपये था। यानी इस जुलाई में सरकार को 1443 करोड़ रुपये ज्यादा  राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत GST और VAT है।

लक्ष्य के सबसे करीब स्टांप, तो सबसे पीछे ऊर्जा विभाग-

जुलाई में राजस्व से जुड़े विभिन्न विभागों में लक्ष्य के सबसे नजदीक स्टांप व निबंधन विभाग रहा। जिसने स्टांप में लक्ष्य का 84.8 फीसदी टार्गेट पूरा किया। इसके साथ ही दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग रहा जिसने लक्ष्य का 79.9 फीसदी टार्गेट पूरा किया। तीसरे नंबर पर 78.6 फीसदी के साथ आबकारी विभाग रहा। इस कड़ी में चौथे नंबर पर 70.9 फीसदी  टार्गेट के साथ वैट और पांचवे स्थान पर 67.6 फीसदी के साथ जीएसटी  रहा। इस पूरी लिस्ट में लक्ष्य का पीछा करने में सबसे फिसड्डी ऊर्जा विभाग रहा जो महज 53.6 फीसदी की ही प्राप्ति कर सका। 

यूपी में पेट्रोल और डीजल में वैट कई राज्यों की तुलना में कम-

राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि देश में पेट्रोल और डीजल पर सबसे कम वैट वाले राज्यों की सूची में यूपी शामिल है। यूपी में एक लीटर पेट्रोल पर 15.08 रुपये और डीजल पर 12. 76 रुपये वैट है। उन्होंने बताया कि पेट्रोल में यूपी से कम वैट केवल देहरादून और गुजरात में है। यहां 1.77 रुपये और 3.03 रुपये वैट यूपी से कम है। डीजल के मामले में भी यूपी से आग केवल पंजाब और गुजरात हैं। यहां यूपी की तुलना मे वैट 1.22 रुपये और 37 पैसे कम है।

GST/VAT संग्रह में हो रही बढ़ोतरी-

अभी हाल ही में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जानकारी देते हुए बताया था कि यूपी ने GST कलेक्शन में रिकॉर्ड कायम किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 37 हजार करोड़ से अधिक का  GST संग्रह हो चुका है। सीएम ने कहा कि समेकित प्रयासों से प्रदेश में जीएसटी /वैट संग्रह में सतत बढ़ोत्तरी हो रही है। वर्ष 2021-22 में 98,107 करोड़ का राजस्व संग्रह हुआ था जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 1,07406 करोड़ हो गया है। साथ ही सीएम ने बताया था कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 37 हजार करोड़ से अधिक का GST संग्रह हो चुका है। वर्ष 2023-24 के लिए 1.50 लाख करोड़ संग्रह के लक्ष्य के साथ मिशन मोड में नियोजित प्रयास किए जाएं। उत्तर प्रदेश में GST में पंजीकृत व्यापारियों की संख्या देश में सबसे अधिक है। वर्ष 2022-23 में 3.43 लाख नए पंजीयन हुए, जबकि  वर्ष 2023-24 में  अप्रैल से जुलाई तक 01 लाख नए पंजीयन हो चुके हैं। पंजीयन आधार को अधिकाधिक बढ़ाने का प्रयास निरंतर जारी रखा जाए।

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