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उत्तर प्रदेश के 25 जिलों के 515 गांवों में अब चकबंदी की कार्यवाही शुरू हो गई है। पहली बार इस काम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉक चेन, ड्रोन और रोवर सर्वे जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग कर चकबंदी की जा रही है।
चकबंदी में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल-
चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश जोत चकबंदी अधिनियम 1953 के तहत जोतों के संहतीकरण एवं नवीन अधिकार अभिलेख निर्माण की प्रक्रिया लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि नए गांवों में फिर से चकबंदी कराने की मांग उठ रही है। अब तक 141 ग्रामों में चकबंदी प्रसार की अधिसूचना जारी की जा चुकी है। जनप्रतिनिधियों एवं ग्राम वासियों की मांग पर 25 जिलों के 374 ग्रामों में चकबंदी का निर्णय लिया गया है। इस प्रकार अब तक कुल 515 ग्रामों में चकबंद प्रसार की कार्यवाही शुरू हुई है। उन्होंने बताया कि एआई., ब्लाकचेन, ड्रोन एवं रोवर सर्वे से चकबंद कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है।
शिकायत पर जांच कमेटी गठित-
चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि आजमगढ़ के ईश्वरपुर गांव में चकबंदी में हुई गड़बड़ी की जांच के लिए अपर निदेशन चकबंदी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। स्थानीय निवासी रमेश यादव और अन्य ग्रामीणों ने चकबंदी में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। कमेटी को एक सितंबर तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
क्या होती है चकबंदी जानिए-
चकबंदी का मतलब होता है कि जब गांव में जमीनों का बंटवारा होता है और छोटे-छोटे टुकड़ों में खेती की जमीनें होती हैं तो चकबंद कराई जाती है। चकबंदी वह विधि होती है जिसके द्वारा व्यक्तिगत खेती को टुकड़ों में बटने से रोका जाता है। इससे गांव में जमीनों की सीमाओं से संबंधित विवाद और सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की शिकायतें खत्म होती हैं। छोटे खेतों में भूमि को बर्बाद होने से बचा जा सकता है और बड़े खेतों में खेती के आधुनिक उपकरणों का उपयोग करना आसान हो जाता है। चकबंदी के बाद कृषि क्रियाकलापों की उचित देखभाल संभव होती है।
Baten UP Ki Desk
Published : 30 August, 2023, 11:07 am
Author Info : Baten UP Ki