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ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (GBC) के दूसरे दिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में अशोक लीलेंड की इलेक्ट्रिक वाहन फैक्ट्री के भूमिपूजन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सीएम योगी को हिंदुजा ग्रुप की तरफ से डबल डेकर इलेक्ट्रिक बस की चाभी और मोमेंटो प्रदान किया गया। इस दौरान सीएम योगी ने प्लांट में इलेक्ट्रिक बसों के फीचर्स के बारे में भी जानकारी ली। सीएम योगी ने कहा कि, “उत्तर प्रदेश का बाजार ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत का बाजार उनका इंतजार कर रहा है।‘’
इन्वेस्टर्स निवेश को बनाएं पब्लिक फ्रेंडली-
सीएम योगी ने कहा कि, उत्तर प्रदेश में हम जैसे इन्वेस्टर फ्रेंडली पॉलिसी लेकर आते हैं। वैसे ही इन्वेस्टर्स को भी अपने निवेश को पब्लिक फ्रेंडली बनाना पड़ेगा। एक लाख स्कूली बसों को इलेक्ट्रिक बसों में रिप्लेस किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के एक लाख गांवों को शहरों से जोड़ने के लिए इलेक्ट्रिक बस सेवा सस्ती और लोकप्रिय माध्यम बन सकती है। इसमें तमाम युवाओं को इस सर्विस के साथ जोड़ा जा सकता है।
ई व्हीकल पॉलिसी में इन्सेंटिव-
योगी सरकार द्वारा लागू इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के अंतर्गत हर इलेक्ट्रिक बस में 20 लाख रुपए तक की इन्सेंटिव दे रही है। इसका लाभ इन्वेस्टर्स के साथ-साथ इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदारों को भी मिलेगा।
हर साल बनेंगे 25 सौ कॉमर्शियल EV
ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 से उत्तर प्रदेश को 10 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश मिलेगा। इससे आने वाले समय में 34 लाख से अधिक लोगों के लिए रोजगार पैदा होंगे। इस प्लांट से 10, हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। यह उत्तर प्रदेश में अशोक लीलैंड का यह पहला प्लांट होगा। 186 करोड़ से 78 एकड़ जमीन पर यह प्लांट तैयार होगा। 25 सौ कॉमर्शियल EV (इलेक्ट्रिक व्हीकल) इस प्लांट से हर साल तैयार किए जाएंगे।
पिछले साल हुआ था समझौता-
आपको बता दें कि बीते साल अशोक लीलैंड ग्रुप के धीरज हिंदुजा ने यूपी में कॉमर्शियल इलेक्ट्रिक व्हीकल प्लांट लगाने को लेकर MoU साइन किया था। समूह ने लखनऊ स्थित स्कूटर इंडिया की खाली पड़ी जमीन को चिन्हित किया था। आपको बता दें कि स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड की स्थापना 1972 में शुरू हुई थी और अप्रैल 1973 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसका शिलान्यास किया था। तब वहां तिपहिया विक्रम लैम्ब्रो का निर्माण चालू किया गया था और फिर विजय डीलक्स और एक्सपोर्ट के लिए लम्ब्रेटा स्कूटर बनाए जाने लगे।
स्कूटर इंडिया की दलचस्पी कहानी-
साल 1972 में पहली बार यह कंपनी लखनऊ पहुंची थी। इससे पहले इसका नाम इन्नोसेंटी था। यह पहले इटली के खूबसूरत शहर मिलान के नजदीक लैम्ब्रो नदी के पास लैम्ब्रेट में थी। फर्डिनेंडो इन्नोसेंटी के प्रयासों से 1922 में यह वजूद में आई। उन्होंने ही इसे इन्नोसेंटी नाम दिया था। इसका प्रोडक्ट लम्ब्रेटा स्कूटर दुनियाभर में मशहूर हुआ था।
क्यों बंद हो गया था स्कूटर इंडिया?
समय की दौड़ में स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड पिछड़ती चली गई जिसके चलते पिछले साल यानि 2023 में ही केंद्र सरकार ने इसे बंद करने का निर्णय लिया। यह कंपनी लगातार घाटे में काम कर रही थी। एक तिमाही में 6 करोड़ रुपये का घाटा झेलना पड़ रहा था। इसीलिए केंद्र सरकार ने स्कूटर्स इंडिया को बंद करने का फैसला किया।
Baten UP Ki Desk
Published : 19 February, 2024, 5:21 pm
Author Info : Baten UP Ki