बड़ी खबरें

कर्नाटक में तंबाकू पर सख्ती; खरीदने की उम्र 18 से बढ़ाकर हुई 21 साल, सार्वजनिक जगहों पर खाने पर रोक 2 दिन पहले राजस्थान में हवाई हमले से बचने की मॉक ड्रिल:जयपुर में बाजार में ब्लास्ट और हवाई फायर हुए 2 दिन पहले हरियाणा, पंजाब-चंडीगढ़ में मॉक ड्रिल:सायरन बजते ही 30 सेकेंड में एम्बुलेंस-फायर ब्रिगेड पहुंची 2 दिन पहले

यूपी की बैंकों में 4580 करोड़ की लावारिस रकम, कोई दावेदार नहीं

Blog Image

अपने धन यानी रुपये पैसों को सहेज कर रखने की सबसे उचित जगह लोग बैंक को ही मानते हैं क्योंकि वहां पर उनका धन सुरक्षित रहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देशभर में सबसे ज्यादा लावारिश रकम कहां कि बैंकों में जमा है। हम बताते हैं.. देशभर की बैंकों में सबसे ज्यादा लावारिस रकम (अनक्लेम्ड डिपाजिट) यूपी की बैंकों में जमा है। बैंकों में जमा 4,580 करोड़ रुपये का कोई दावेदार नहीं है। इस पर भारतीय रिजर्व बैंक ने गंभीर चिंता जताई है। आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक बालू केंचप्पा ने सभी बैंकों से कहा है कि प्रत्येक जिले में अभियान चलाकर वहां के शीर्ष 100 अनक्लेम्ड डिपाजिट के जमाकर्ताओं या कानूनी उत्तराधिकारियों को तलाशें और तीन महीने में रकम लौटाएं।  दिलचस्प बात ये भी है कि सरकारी विभाग भी बैंकों में पैसा जमा कर भूल गए हैं। सरकारी खातों में जमा अरबों रुपये का कोई वारिश नहीं है। मुख्य सचिव ने सभी सरकारी विभागों की सूची आरबीआई  से मांगी है। 

क्या होता है लावारिश धन-

आपको बता दें कि नियमों के मुताबिक दस साल तक लेनदेन  न करने वाले बचत और चालू खातों में जमा रकम को 'लावारिस धन' मना जाता है। ऐसी फिक्स्ड डिपाजिट यानी एफडी जिसके परिपक्व होने के दस साल बाद भी कोई दावा नहीं करे तो उसे भी  'लावारिस धन' की श्रेणी में रखा जाता है।

लावारिस धन में कहीं कालाधन तो नहीं-

लावारिस धन से जुड़े ज्यादातर खाते उन लोगों के हैं जो अब इस दुनिया में नहीं हैं और उनके घरवालों को खातों  के बारे में पता नहीं है। बड़ी संख्या में बोगस खाते भी हैं, जिनमें करोड़ों रुपये जाम हैं, लेकिन कार्रवाई के डर से दावा करने वाला कोई नहीं है। नोटबंदी के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने रकम जमा की लेकिन खाते से रकम निकालते ही निगरानी एजेंसियों के राडार पर आने के डर से उस रकम को हाथ नहीं लगा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि करीब 900 करोड़ रुपये बैंकों में लावारिश पड़े हैं। बैंकों ने लावारिस धनराशि आरबीआई को ट्रांसफर कर दी है। लावारिस धन पर भी बैंक ब्याज देते हैं इसके लिए खाते को दोबारा सक्रिय कर ब्याज सहित पैसा बैंक देंगे।

 पिछले साल शीर्ष 8 में भी नहीं था यूपी-

आंकड़ों पर नज़र डाले तो वर्ष 2020-21 में बैंकों में लावारिस धन 39,264 करोड़ रुपये था जो वित्त वर्ष 2021-22 में ये राशि बढ़कर 48,262 करोड़ रुपये हो गई। पिछले साल सर्वाधिक लावारिस धन तमिलनाडु, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, बंगाल, कर्नाटक, बिहार और तेलंगाना/आंध्र प्रदेश में जमा था। इसमें उत्तर प्रदेश का नाम नहीं था। इस साल यूपी पहले स्थान पर काबिज हो गया है। 

 

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें