उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने रक्षा औद्योगिक गलियारे (Defense Industrial Corridor) यानी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस परियोजना के तहत 950 करोड़ रुपये की बड़ी राशि खर्च की जाएगी, जिसका उद्देश्य राज्य में रक्षा उत्पादन और निवेश को बढ़ावा देना है। इसके तहत डिफेंस कॉरिडोर में सड़क, बिजली, पानी, सीवर और सुरक्षा के उच्चकोटि के प्रबंध किए जा रहे हैं। अब तक करीब 187 करोड़ रुपये के कार्य पूरे हो गए हैं। वहीं 537 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य निर्माणाधीन हैं।
डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के 6 नोड-
राज्य में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के 6 नोड आगरा, अलीगढ़, लखनऊ, कानपुर, चित्रकूट और झांसी हैं। इनमें से 5 नोड के लिए ये रकम तय की गई है।
लखनऊ नोड में हो चुका इतना काम-
यूपीडा द्वारा अलीगढ़, कानपुर, झांसी, लखनऊ और चित्रकूट नोड में 941.19 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। अगर लखनऊ नोड की बात करें तो यहां 166 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य हो रहे हैं, जिसमें से 14 करोड़ से अधिक के कार्य हो चुके हैं, जबकि 82 करोड़ से अधिक के कार्य निर्माणाधीन हैं। यहां पर 13 करोड़ से अधिक के कार्यों का टेंडर हो चुका है, जबकि 56 करोड़ रुपये से अधिक आगामी कार्यों के लिए रखे गए हैं।
झांसी नोड में हो रहा सबसे ज्यादा खर्च-
इसी तरह अलीगढ़ नोड के लिए 122 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किये जा रहे हैं। यहां 37 करोड़ से अधिक के कार्य पूरे हो चुके हैं, जबकि 61 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य निर्माणाधीन हैं। कानपुर नोड के लिए 62 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किये जाएंगे। झांसी के लिए सर्वाधिक 517 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य हो रहे हैं। इसी प्रकार चित्रकूट नोड में 71 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे। यहां पर 39 लाख रुपये के कार्य निर्माणाधीन हैं, जबकि 10 करोड़ रुपये से अधिक के कार्यों का टेंडर हो चुका है। यहां 61 करोड़ रुपये से अधिक आगामी कार्यों के लिए रखे गये हैं।
डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का महत्व-
रक्षा औद्योगिक गलियारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2018 में शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य भारत को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत देश के विभिन्न हिस्सों में औद्योगिक गलियारों का विकास किया जा रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है। उत्तर प्रदेश में इस गलियारे के तहत आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट, झांसी, कानपुर और लखनऊ को शामिल किया गया है।
950 करोड़ रुपये की लागत-
योगी सरकार ने इस परियोजना के लिए 950 करोड़ रुपये की बड़ी राशि निर्धारित की है। इस धनराशि का उपयोग गलियारे में सड़क, बिजली, पानी, और अन्य बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही, रक्षा उत्पादन इकाइयों के लिए आधुनिक तकनीकी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
निवेशकों को आकर्षित करने की योजना-
राज्य सरकार की इस पहल का मुख्य उद्देश्य निवेशकों को आकर्षित करना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार निवेशकों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी ताकि वे यहां निवेश करने के लिए प्रोत्साहित हों। सरकार निवेशकों को भूमि, कर में छूट, और अन्य सुविधाएं प्रदान करेगी जिससे वे आसानी से अपने उद्योग स्थापित कर सकें।
युवाओं के मिलेंगे रोजगार के अवसर-
योगी सरकार के प्रयासों से इन नोड्स में करीब 25 हजार करोड़ रुपये के निवेश का रास्ता साफ हो गया है, इससे 40 हजार युवाओं के लिए सीधे-सीधे रोजगार का सृजन होगा। यूपीडा के अधिकारियों के अनुसार यूपीडीआईसी के लिए अब तक 154 एमओयू हो चुके हैं। अब तक 16 सौ हेक्टेयर से अधिक भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है।
राज्य की समृद्धि में होगी वृद्धि-
उत्तर प्रदेश में विकसित हो रहे रक्षा औद्योगिक गलियारे का उद्देश्य राज्य को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना और निवेशकों को आकर्षित करना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल से राज्य में आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे राज्य की समृद्धि में वृद्धि होगी।