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योगी कैबिनेट की कई फैसलों पर मुहर, किसानों को फ्री बिजली और ग्रीन हाईड्रोजन नीति को मंजूरी

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की अहम बैठक में कई प्रस्तावों को मंजूरी मिली। इसी कड़ी में “यूपी ग्रीन हाईड्रोजन नीति 2024” के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इसके बाद प्रदेश के विभिन्न शहरों में ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन, हाइड्रोजन बस सहित अन्य वाहन चलाने की योजना साकार हो सकेगी। बैठक में कई अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई है। इस पालिसी को मंजूरी मिलने के बाद अन्य वाहनों के साथ ही पाइप्ड नेचुरल गैस में मिलाकर प्रयोग किया जा सकेगा। प्रदेश में यूपीनेडा की ओर से ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी बनाई गई है।  केंद्र सरकार की ओर से नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन शुरू किया गया है। इसके अलावा भी 27 प्रस्तावों को बैठक में मंजूरी दी गई।

ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी  मिली मंजूरी

 सरकार ने प्रदेश में इनवायरमेंट फ्रेंडली एनर्जी के प्रोडक्शन की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी को मंजूरी दी है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि हाइड्रोजन का उपयोग ईंधन के रूप में बड़े कारखाने जैसे फर्टिलाइजर प्लांट, पेट्रोकेमिकल प्लांट और स्टील प्लांट में होता है। अभी तक हाइड्रोजन पैदा करने की जो तकनीक थी वो बिजली या गैस के सहारे होती थी, जिसे ग्रे हाइड्रोजन कहा जाता है। ग्रे हाइड्रोजन को ग्रीन हाइड्रोजन में परिवर्तित करने की दिशा में बहुत बड़ा काम शुरू हुआ है। पॉलिसी में आने वाले 4 साल यानि 2028 तक प्रतिवर्ष एक मिलियन मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है। 

मुफ्त बिजली आपूर्ति देने के प्रस्ताव को मंजूरी-

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि किसानों को उनके निजी नलकूपों पर सौ फीसदी छूट दी जाएगी। 
 उन्होंने बताया कि राज्य के लगभग  14 लाख 78 हजार नलकूपों पर किसानों को बिजली बिल पर छूट का लाभ मिलेगा।  इस तरह लगभग लगभग डेढ़ करोड़ किसानों को इस योजना से लाभ होने वाला है। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव के तहत किसानों को 100 प्रतिशत छूट देने का निर्णय लिया गया है। किसानों को अब एक अप्रैल 2023 से कोई बिल देने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके पहले का यदि कोई बकाया है तो उसके लिए हम ब्याज रहित योजना लेकर आएंगे और उसका भी क्रियान्वयन आने वाले दिनों में किया जाएगा।

SCR गठन के अध्यादेश को मिली मंजूरी -

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश "राज्य राजधानी क्षेत्र" State capital region यानि (SCR) एवं अन्य क्षेत्रीय विकास प्राधिकरणों के गठन अध्यादेश से जुड़े प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की है। काफी समय से नागरिकों की सुविधा की दृष्टि ये आवश्यकता महसूस की जा रही थी। खासतौर पर बाराबंकी, रायबरेली, हरदोई, सीतापुर और उन्नाव  सहित वो जिले जो लखनऊ के पड़ोसी हैं वहां अनियोजित विकास न हो। इसका उद्देश्य ये है कि दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर यहां नियोजित विकास किया जा सके। इस अध्यादेश के तहत सभी प्राधिकरणों के कोऑपरेशन और कोऑर्डिनेशन से विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाएगा। किसी प्राधिकरण का मर्जर नहीं होगा, सभी का अस्तित्व बरकरार रहेगा।

लखनऊ मेट्रो फेज-1बी को मिली मंजूरी-

इसके अलावा योगी सरकार ने लखनऊ मेट्रो के फेज-1बी ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दिखा दी है। इसके तहत चारबाग से वसंतकुंज तक कुल 11.865 किमी. मेट्रो संचालित की जाएगी। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इसके माध्यम से योगी सरकार लखनऊ में आवागमन को और सुगम व सुविधाजनक बनाएगी। इस पर लगभग 5 हजार 801 करोड़ रुपए की लागत आएगी, जबकि इसको 30 जून 2027 तक इसको पूर्ण किए जाने की अवधि निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि इसके तहत कुल 12 स्टेशन निर्धारित हैं, जिसमें 5 एलीवेटेड और 7 भूमिगत होंगे। इसमें 4.286 किमी. एलीवेटेड और 6.879 किमी. भूमिगत लाइन होगी।

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