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UPPSC PCS Prelims परीक्षा क्यों हुई स्थगित, छात्रों का होगा फायदा या नुकसान ?

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(Special Story) उत्तर प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बुरी खबर है। लोक सेवा आयोग ने 17 मार्च को आयोजित होने वाली सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (PCS) 2024 की प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित कर दिया है। अब यह परीक्षा जुलाह माह में कराई जा सकती है। आयोग ने नोटिस में कहा, 'आयोग के विज्ञापन संख्या ए-1/ ई-1/ 2024 दिनांक 01-01-2024 के अंतर्गत विज्ञापित सम्मिलित राज्य / प्रवर अधीनस्थ सेवा (प्रा.) परीक्षा 2024 के संदर्भ में सूचित किया जाता है कि आयोग द्वारा प्रश्नगत परीक्षा 17 मार्च, 2024 को प्रस्तावित थी, उक्त परीक्षा अपरिहार्य कारणों से स्थगित की जाती है। प्रश्नगत परीक्षा जुलाई में संभावित है, जिसकी सूचना यथा समय दी जाएगी। PCS के 220 पदों के लिए 5 लाख 74 हजार 538 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।

क्यों स्थगित हुई परीक्षा-

उत्तर प्रदेश समीक्षा अधिकारी/ सहायक समीक्षा अधिकारी 2023 की प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक और एग्जाम रद्द होने के बाद आयोग के लिए पीसीएस प्रीलिम्स परीक्षा को आयोजित करना बेहद चुनौतीपूर्ण माना जा रहा था। RO एआरओ पेपर रद्द किए जाने के बाद आयोग के परीक्षा नियंत्रक अयज कुमार तिवारी को हटा दिया गया है। इसके बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव ने पेपर लीक प्रकरण में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। ऐसे में फेयर परीक्षा कराने के चलते ही अभी फिलहाल UPPSC PCS Prelims परीक्षा को स्थगित किया गया है। 

उत्तर प्रदेश में हालही में रद्द हुई परीक्षाएं-

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा 2024 में पेपर लीक होने के आरोप लगे थे। परीक्षा के बाद से ही लगातार पेपर लीक की खबरें आ रही थीं। छात्र री-एग्ज़ाम की मांग कर रहे थे। जिसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा को निरस्त करने के निर्देश दिए। यूपी आरओ/एआरओ परीक्षा भी रद्द कर दी गई। परीक्षा के आयोजन के बाद से ही लगातार पेपर लीक की खबरें आ रही थीं और बार-बार कैंडिडेट्स इसे रद्द करने की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया। उन्होंने परीक्षा रद्द करने के आदेश देते हुए कहा कि अगले 6 महीने के अंदर ये परीक्षा दोबारा कराई जाएगी। इसके अलावा, यूपीपीएससी पीसीएस की प्रीलिम्स परीक्षा भी स्थगित कर दी गई है। इन परीक्षाओं के निरस्त होने की सबसे बड़ी वजह अभ्यर्थियों की एकजुटता को भी माना जा सकता है। प्रदेश के कई हिस्सों में पेपर लीक के आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिए। प्रदर्शन की आंच लखनऊ तक पहुंच गई। जिससे परीक्षा निरस्त करने का दबाव बढ़ने लगा और अंत में इसे निरस्त करना पड़ा।

परीक्षा स्थगित होने से छात्रों की बढ़ेंगी मुश्किलें-

प्रतियोगी परीक्षा स्थगित होने से छात्रों की मुश्किलें और बढ़ेंगी क्योंकि तैयारी में लगे तमाम छात्र ऐसे भी होंगे जो बिल्कुल ऐज बैरियर पर होंगे मतलब उनकी आयुसीमा हो सकता है अगली परीक्षा में सम्मिलित होने की इजाजत न दें। इसके अलावा भी कई प्रकार की समस्याएं उनके सामने आ सकती हैं जो निम्न प्रकार से हैं....

  • मानसिक तनाव और चिंता
  • परीक्षा की तैयारी में लगे समय और प्रयासों का नुकसान।
  • अनिश्चितता और भविष्य की चिंता।
  • परीक्षा की तैयारी में लय टूटना।
  • आत्मविश्वास में कमी।
  • परीक्षा शुल्क का नुकसान।
  • यात्रा, आवास और अन्य खर्चों का नुकसान।
  • शिक्षण सामग्री और अध्ययन कक्षाओं में निवेश का नुकसान।
  • अन्य अवसरों का नुकसान, जैसे कि नौकरी या इंटर्नशिप।
  • तैयारी में लय टूटने से भविष्य की परीक्षाओं में भी नुकसान।
  • अन्य उम्मीदवारों को आगे निकलने का मौका मिलना।
  • अपनी तैयारी और ज्ञान को परखने का अवसर नहीं मिलना।
  • प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता की संभावना कम होना।
  • परीक्षा की तारीख और समय में अनिश्चितता।
  • भविष्य की योजनाओं को बनाने में कठिनाई।

परीक्षा स्थगित होने के फायदे-

प्रतियोगी परीक्षाओं के स्थगित होने के कुछ फायदे भी हो सकते हैं जो निम्न प्रकार से हैं...

  • छात्रों को अतिरिक्त तैयारी का समय मिलता है
  • परीक्षा स्थगित होने से छात्रों को अपनी तैयारी को मजबूत करने और कमजोर विषयों पर अधिक ध्यान देने का समय मिलता है।
  • वे अपनी तैयारी में सुधार करने के लिए अतिरिक्त अभ्यास और मॉक टेस्ट दे सकते हैं।
  • यह उन छात्रों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो परीक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थे।
  • परीक्षा आयोजित करने वाली संस्थाओं को त्रुटियों को सुधारने का मौका मिलता है।
  • वे परीक्षा प्रक्रिया को अधिक सुचारू और निष्पक्ष बनाने के लिए आवश्यक बदलाव कर सकते हैं।

 परीक्षा स्थगित होने के कारण-

प्रतियोगी परीक्षाओं के स्थगित होने के कई कारण हो सकते हैं। परीक्षा आयोजित करने वाली संस्थाओं के वेबसाइट या पोर्टल में तकनीकी समस्याएं या खराबी। परीक्षा प्रणाली में त्रुटियां या गलतियां। परीक्षा आयोजित करने वाली संस्थाओं द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अनियमितताएं या धांधली की आशंका के चलते भी परीक्षाएं स्थगित की जाती हैं।

कुल मिलाकर देखा जाए तो पिछल कई सालों से एक तो वैकेंसी ही बहुत दिनों के बाद आ रही हैं उसके बाद जब छात्र पूरी तैयारी के साथ परीक्षा में सम्मिलित होने जाते हैं तो किसी न किसी वजह से परीक्षा ही निरस्त हो जाती है कहने का मतलब यह है कि छात्र अपना पैसा मेहनत गवां कर ठगे से महसूस करने लगते हैं जिससे उनका मनोबल भी गिरता है। सरकारों को इस ओर कोई गंभीर कदम जरूर उठाना होगा जिससे परीक्षाओं में धांधली पर रोक के साथ ही तैयारी करने वाले छात्रों को उनकी मेहनत का फल मिल सके।  

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