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यूपी में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ाने की मुहिम तेज

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देश के युवाओं को ग्रामीण संस्कृति से रूबरू कराने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने चरणबद्ध तरीके से अभियान शुरू किया हुआ है  जिसके चलते पहले चरण में जिन 18 गांवों का चयन किया गया है, वहां ग्रामीण पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। आप इन गांवों में जाकर ग्रामीण संस्कृति और गांवों की मिट्टी की सोंधी खुशबू को महसूस कर सकते हैं। आप ग्रामीण परिदृश्य में अपना कुछ समय आराम से व्यतीत कर सकते हैं। इसके लिए प्रदेश के ऐसे गांवों का चयन किया गया है जहां पर खेती के साथ ही प्राकृतिक सुंदरता भी मौजूद है। यहां के ग्रामीण, शिल्पकला बुनाई जैसे कार्यों में पारांगत हैं। इसके साथ ही इन गांवों में महापुरूषों और संतों की जन्म स्थली भी हैं।

ग्रामीण पर्यटन से बढ़ेंगे रोजगार- 
मूलभूत सुविधाओं के विकास से गांवों शहरों का फासला बढ़ता जा रहा है पर्यटन विभाग ने इसे पाटने के लिए ग्राम पर्यटन की पहल की है। इस पहल के जरिए जहां  गांव का रहन सहन पहनावा आदि से लोग पूरी तरह से परिचित होंगे वहीं गोपालन जैसे व्यवसाय लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे। जब गांवों में बड़ी संख्या में लोग आएंगे तो उससे गांवों में रहने वाले लोगों को रोजगार भी मिलेगा। जैसे बड़ी संख्या में लोग उत्तराखंड के कैची धाम एवं लखनऊ के हनुमान सेतु के दर्शन के लिए पहुंचते हैं लेकिन पर्यटन विभाग की इस पहल से  लोग बाबा नीमकरोरी का जन्म स्थान भी देख सकेंगे, ऐसे ही गायत्री पीठ हरिद्वार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा की जन्मस्थली की देख पाएंगे। थारो कला के लिए चर्चित गांव को भी संवारा जाएगा। महानिदेशक पर्यटन मुकेश मेश्राम ने बताया कि पहले चरण में 18 गांव चयनित हुए हैं जिनकी विशिष्ट पहचान है। 9 संस्थाएं इस कार्य में पर्यटकों के लिए ग्रामीणों के घर पर ही आवास की व्यवस्था करेंगी ग्रामीणों के घरों को व्यवस्थित किया जाएगा साथ ही बिजली पानी सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी।

इन 18 गांव का हुआ चयन-
आगरा का आवलखेड़ा गांव गायत्री शक्तिपीठ के संस्थापक आचार्य श्री रामचंद्र शर्मा का जन्म स्थान है, फिरोजाबाद का अकबरपुर हनुमान भक्त बाबा नीम करोली महाराज की जन्मस्थली मालपुआ, मथुरा का परसौनी गांव सूरदास की तपस्थली, वाराणसी का लीला स्थल मुक्त काशी मंच, अलीगढ़ का नया बांस हस्तनिर्मित दरियों के बुनकरों का गांव,  वाराणसी का तारापुर गांव लकड़ी के खिलौने व टेराकोटा की शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध, बस्ती का काशीपुर अयोध्या का नंदीग्राम कोटवा धाम बाराबंकी का एवं बटवारा लखनऊ का गांव सहित 18 गांवों को शामिल किया गया है। सरकार की इस इस मुहिम का मकसद गांवों में पर्यटन के साथ ही रोजगार के अवसर उत्पन्न करना है जिसके चलते गांवों से होने वाले पलायन को भी रोका जा सके।

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