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प्रांतीय सिविल सेवा यानी पीसीएस जिसे उत्तर प्रदेश सिविल सेवा के रूप में भी जाना जाता है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली एक परीक्षा है जिसके तहत ग्रुप ‘ए’ और ‘बी’ अधिकारियों को उत्तर प्रदेश राज्य में प्रशासनिक अंग के तौर पर नियुक्त किया जाता है। पीसीएस परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी राजस्व विभाग और कानून व्यवस्था के रखरखाव के लिए जिला, प्रखंड और तहसील स्तर पर अलग-अलग पदों को धारण करते हैं। यह परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है जिसमें प्रीलिम्स,मेंस और इंटरव्यू होता है। इस परीक्षा में पास होने के लिए कई छात्र सालों साल मेहनत करते हैं। जिसमें कई सफल होते हैं तो कई के भाग्य में केवल निराशा आती है। लेकिन असफल छात्रों को अब निराश होने की ज़रूरत नहीं है।
इंटरव्यू में असफल कैंडिडेट को मिलेगी नौकरी
दरअसल उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन ऐसे अभ्यर्थियों के लिए नौकरी की व्यवस्था करने जा रहा है। आयोग द्वारा इसके लिए प्रस्ताव की तैयारी की जा रही है। प्रस्ताव तैयार होने के बाद जल्द ही इसका डाटा सरकार के पास भेजा जाएगा। अभ्यर्थियों की सहमति पर उनका डाटा आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। वेबसाइट पर अपलोड होने वाला यह डाटा सर्टिफाइड होगा और प्राइवेट कंपनियों को अपने लिए योग्य अभ्यर्थी चुनने में मदद मिलेगी। कमीशन इसके लिए प्लेसमेंट ड्राइव में भी मदद करेगा। इस प्रक्रिया में पीसीएस के बाद इंजीनियरिंग के छात्रों को भी शामिल किया जाएगा।
2021 में छात्र संघर्ष समिति ने की थी मांग
इससे पहले साल 2021 में प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने यूपी लोक सेवा आयोग के सामने यह मांग रही थी कि यूपी पीसीएस परीक्षा में प्रीलिम्स और मेंस पास करने के बाद जो अभ्यर्थी इंटरव्यू तक पहुंचते हैं, पर यहां वह असफल रह जाते हैं, उन्हें अन्य पदों पर चयनित किया जाए। इसके लिए संघर्ष समिति की ओर से एक ज्ञापन भी सौंपा गया था। मामले पर समिति के अध्यक्ष का कहना था कि सिर्फ आठ, दस या पन्द्रह नम्बर से इंटरव्यू में असफल अभ्यर्थी ऊंचे पदों पर जाने से रह जाते हैं। इंटरव्यू में जो अभ्यर्थी पहुंचते हैं, उन्हें हम फेल नहीं कह सकते हैं क्योंकि वे अभ्यर्थी प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पास कर इंटरव्यू में पहुंचते हैं।
2019 में UPSC ने उठाया था मुद्दा
इससे पहले वर्ष 2019 में संघ लोक सेवा आयोग की वार्षिक बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया था, उस वक्त उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से इस संबंध में कोई पहल नहीं की गई थी, लेकिन अब इसे लेकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
पिछले कुछ सालों में पीसीएस में होने वाले अहम बदलाव
साल 2018 में इंटरव्यू के अंक को 200 से घटाकर 100 किया गया था। साल 2019 में मेंस के लिए सफल छात्रों की संख्या को 18 से घटाकर 13 गुना कर दिया गया था। इसके साथ इंटरव्यू में छात्रों की संख्या तीन से घटाकर दो गुना की गई। साल 2019 में इस परीक्षा में मेंस से रक्षा अध्ययन (Defence Studies) सहित पांच अन्य विषयों को हटा दिया गया था। वहीँ साल 2021 में मेंस के लिए सफल छात्रों की संख्या 13 से बढ़ाकर 15 गुना की गई थी। इसी साल इंटरव्यू के लिए सफल छात्रों की संख्या दो से तीन गुना कर दी गई। वहीँ इस साल कमीशन ने पीसीएस के पैटर्न में बदलाव करते हुए अब ऑप्शनल सब्जेक्ट की अनिवार्यता को ख़त्म कर दिया है। इनकी जगह पर दो जनरल नॉलेज के क्वेश्चन पेपर को जोड़ा गया है।
Baten UP Ki Desk
Published : 29 April, 2023, 4:58 pm
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