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उत्तर प्रदेश के मदरसों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को आधुनिक शिक्षा देने की यूपी सरकार ने पहल की है। जिसके तहते वहां के छात्र-छात्राओं को कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी AI जैसी अत्याधुनिक तकनीक की तालीम दी जाएगी। प्रदेश के मदरसों में अभी इसे पायलट परियोजना के तौर पर शुरू किया गया है। हालांकि, भविष्य में इसे और बेहतर तरीके से लागू किया जाएगा। वहीं, मदरसा शिक्षको के एक संगठन का कहना है कि सरकार को अगर इसे संजीदगी से आगे बढ़ाना चाहती है तो मदरसों में जरूरी व्यवस्थाओं को मुकम्मल करना होगा।
क्या बोले मंत्री दानिश आजाद अंसारी-
उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी के मुताबिक मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को AI जैसी भविष्य की बेहद उज्ज्वल प्रौद्योगिकी के बारे में जानकारी देने के लिए सरकार ने एक अनूठी पहल की है। जिसके तहत 4 अक्टूबर से एक विशेष अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट टीमयूपीएआई डॉट ओआरजी नामक एक वेबसाइट तैयार की है जिस पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है, भविष्य में इनसान की जिंदगी पर इसका क्या असर पड़ेगा। AI क्षेत्र में रोजगार के क्या अवसर हैं और देश की तरक्की के लिए AI का किस तरह बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है जैसे सवालों के संबंध में सुव्यवस्थित मॉड्यूल बनाकर मदरसों के बच्चों को तालीम दी जा रही है।
प्रदेश के करीब 16,000 मदरसों में भेजा जा रहा लिंक-
अंसारी के मुताबिक, वेबसाइट के जरिये रोजाना किसी विशेषज्ञ को जोड़कर कृत्रिम बुद्धिमत्ता से जुड़े मॉड्यूल को पढ़ाया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के करीब 16,000 मदरसों में इस सत्र का लिंक भेजा जाता है। जिसकी मदद से छात्र-छात्राएं इसका सजीव प्रसारण देख पाते हैं।
शिक्षकों को दिया गया AI प्रशिक्षण-
मदरसों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता पढ़ाने के लिए अलग से शिक्षक रखने के सवाल पर राज्य मंत्री अंसारी ने कहा कि बच्चों को इस नई तकनीक के बारे में जानकारी देने के लिए मदरसों के शिक्षकों का एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें उन्हें एआई से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में बारीकी से समझाया गया था। उन्होंने कहा कि भविष्य में वेबसाइट और इन शिक्षकों की मदद से मदरसों में इस कार्यक्रम को और भी आगे बढ़ाया जाएगा।
मुसलमानों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास-
दानिश ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार मुसलमानों को तालीम से जोड़कर उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने की लिए ईमानदारी से प्रयास कर रही है। मदरसों के बच्चों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता की तालीम दिलाना इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में 16,513 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं जिनमें से 560 को सरकारी अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा राज्य में 8,449 गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे भी संचालित किए जा रहे हैं।
Baten UP Ki Desk
Published : 16 October, 2023, 11:11 am
Author Info : Baten UP Ki