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योगी सरकार की कैबिनेट की अहम बैठक मंगलवार को सीएम के सरकारी आवास पर हुई जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। इनमें युवाओं को स्मार्टफोन देने का फैसला लिया गया। इसके अलावा किंग, क्वीन और क्राउन जैसे शब्दों के उपयोग को लेकर प्रतिबंध भी हटा दिया गया।
प्रदेश के युवा बनेंगे हाइटेक-
प्रदेश सरकार युवाओं को हाइटेक बनाने के लिए 25 लाख स्मार्टफोन मुफ्त में देगी। इन स्मार्टफोन की खरीद पर 3600 करोड़ रुपये खर्च होंगे जिसका मंत्रिमंडल ने अनुमोदन कर दिया है। ये योजना पांच वर्ष के लिए लागू है। स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत योगी सरकार युवाओं को निशुल्क स्मार्टफोन दे रही है। ये स्मार्ट फोन स्नातक, स्नाकोत्तर, डिप्लोमा, कौशल विकास के अलावा विभिन्न शिक्षण व प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लाभार्थी युवाओं को दिए जाएंगे, ताकि वे अपने शैक्षिक पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा कर सकें। पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद भी आगे के कैरियर में ये स्मार्टफोन मददगार साबित होंगे।
इस योजना के जरिए प्रदेश के युवाओं को तकनीकी रुप से सशक्त बनाया जाएगा। इस संबंध में आईटी कंपनी इन्फोसिस प्रदेश के युवाओं को डिजिटल सशक्तिकरण व स्किल डेवलपमेंट के उद्देश्य से कारपोरेट सोशल एक्टिविटी के अंतर्गत स्प्रिंगबोर्ड प्लेटफार्म प्रदेश सरकार को निशुल्क दे रही है। इसमें छात्र छात्राओं के भविष्य को सुधारने वाले 3900 कोर्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
निजी संस्थानों के छात्रों को प्रतिमाह 1000 रुपये देगी सरकार-
प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी युवाओं के कौशल विकास व उनको प्रशिक्षण देने के लिए मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (उच्च शिक्षा) को मंजूरी दे दी गई है। कैबिनेट ने इस योजना के तहत प्रशिक्षुओं को निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठानों की ओर से दिए जाने वाले स्टाइपेंड में 1000 रुपये की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार की ओर से की जाएगी। उच्च शिक्षा विभाग को इसके लिए नोडल विभाग बनाया गया है। इस योजना के तहत उच्च शिक्षा में इंजीनियरिंग/तकनीकी के क्षेत्र में डिप्लोमा व सभी विधाओं में स्नातक विद्यार्थियों को केंद्र की नैट्स योजना के नहत निजी संस्थानों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
अब कीजिए किंग, क्वीन और क्राउन का धड़ल्ले से उपयोग-
गुलामी की कड़वी यादें ताजा करने वाले अंग्रेजों के जमाने के नियम कानून अब नहीं चलेंगे।ब्रिटिश काल में क्राउन, किंग, क्वीन, एम्परर, एम्प्रेस, एम्पायर, इम्पीरियल और रायल जैसे शब्दों का इस्तेमाल भारतीयों के लिए प्रतिबंधित था। यहां तक कि इन शब्दों की शान में जरा सी गुस्ताखी पर सख्त सजा दी जाती थी। प्रदेश सरकार ने भागीदारी नियमावली 1933 में संशोधन कर दिया है। अब कोई भी व्यक्ति इन शब्दों का इस्तेमाल आराम से कर सकता है।
Baten UP Ki Desk
Published : 23 August, 2023, 9:45 am
Author Info : Baten UP Ki