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हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक ने चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी सौंपी थी। इस जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश की कंपनियों और बड़े कारोबारियों ने मिलकर 250 करोड़ रुपये का राजनीतिक चंदा दिया है। यूपी में सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड गाजियाबाद के यशोदा सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल ने खरीदे हैं। यूपी में इंफ्रा, शराब, हेल्थकेयर और ऊर्जा सेक्टर की कंपनियां सबसे आगे हैं। यह चंदा लगभग सभी राजनीतिक दलों को दिया गया है। यूपी के ये कारोबारी नोएडा, गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ,सोनभद्र, झांसी और महोबा सहित लगभग 11 जिलों से जुड़े हैं।
यशोदा सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल सबसे आगे-
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड गाजियाबाद की यशोदा सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल ने 9 बार में लगभग 149 करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक बांड खरीदे हैं। साल 2022 में इन्होंने सबसे ज्यादा 50 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे।
कारोबारियों ने नाम से खरीदे बॉन्ड-
उत्तर प्रदेश की 10 बड़ी कंपिनयों के अलावा रियल एस्टेट, मसाला, स्टॉक, एफएमसीजी, चाय से जुड़े कई कारोबारी हैं, जिन्होंने अपने नाम से इलेक्ट्रारल बॉन्ड खरीदे हैं। कंपनी की बजाय व्यक्तिगत तौर पर बॉन्ड खरीदने वाले कारोबारियों की संख्या उत्तर प्रदेश में 21 से ज्यादा है।
उत्तर प्रदेश की कंपनियां-
इलेक्टोरल बॉन्ड क्या है?
केंद्र सरकार ने चुनावी फंडिंग को साफ-सुथरा बनाने के लिए 2 जनवरी, 2018 को चुनावी बॉन्ड स्कीम का ऐलान किया था। सरकार द्वारा फाइनेंस एक्ट-2017 के जरिये पांच बड़े कानूनों में बदलाव करके इस स्कीम को लाया गया था। जिसमें RBI एक्ट 1934 की धारा-31, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा- 29C, आयकर अधिनियम 1961 की धारा-31A, कंपनी एक्ट 2013 की धारा 182 और विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम 2010 की धारा 2(1) शामिल हैं।
कौन खरीद सकता है बॉन्ड-
बॉन्ड खरीदने वाला 1 हजार से लेकर 1 करोड़ रुपए तक का बॉन्ड खरीद सकता है। खरीदने वाले को बैंक को अपनी पूरी KYC डीटेल में देनी होती है। खरीदने वाला जिस पार्टी को ये बॉन्ड डोनेट करना चाहता है, उसे पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में कम से कम 1% वोट मिला होना चाहिए। डोनर के बॉन्ड डोनेट करने के 15 दिन के अंदर इसे उस पार्टी के चुनाव आयोग से वैरिफाइड बैंक अकाउंट से कैश करवाना होता है।
Baten UP Ki Desk
Published : 16 March, 2024, 1:51 pm
Author Info : Baten UP Ki