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भारत सरकार की ओर से देश के कमजोर वर्ग के लोगों को बेहतरीन हेल्थ सुविधाएं देने के लिए आयुष्मान भारत योजना चलाई जा रही है। जिसमें सबसे ज्यादा लाभ अब तक उत्तर प्रदेश के लाभार्थियों को मिला है लेकिन वहीं अगर यूपी के शहर कानपुर की बात करें तो इस योजना के लाभ में कानपुर बहुत पीछे चल रहा है। जिसका सबसे बड़ा मुख्य कारण यहां रहने वाले लोगों की भाग- दौड़ है। जो लोग अपने जीवन यापन करने की जद्दोजहद में अक्सर बाहर रहते हैं।
आयुष्मान कार्ड बनाने में पिछड़ा कानपुर-
एक रिपोर्ट के मुताबिक, कानपुर आयुष्मान कार्ड बनाने के मामले में काफी पिछड़ा साबित हुआ है। प्रदेश की सूची में कानपुर 69वें नंबर पर है। इसकी मुख्य वजह यह है कि सूची में शामिल लाभार्थी कार्ड बनवाने नहीं पहुंच रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आशा और शहरों में कोटेदार के पास सूची में लाभार्थियों का नाम है, लेकिन वे कार्ड बनवाने नहीं आ रहे हैं।
इन कारणों से हो सकती है देरी-
इस देरी के कई कारण हो सकते हैं। एक कारण यह है कि कई लाभार्थियों को यह पता ही नहीं है कि वे आयुष्मान कार्ड के लिए पात्र हैं। इसके अलावा, जिन लाभार्थियों को इसकी जानकारी है, उनमें से कुछ को यह पता नहीं है कि कार्ड कैसे बनवाया जाता है और इस का एक और कारण है कि उन्हें आयुष्मान कार्ड की आवश्यकता नहीं है या वे इसे बनवाने के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं।
डीएम ने प्रकिया में तेजी लाने के दिए निर्देश-
हालांकि, जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में डीएम ने सबसे कम कार्ड बनाने वाले केंद्रों पर सख्ती के निर्देश दिए हैं। इसके बाद से अभियान को गति मिलने की उम्मीद है। सीएमओ डॉ. आलोक रंजन के अनुसार, योजना के लाभार्थी आयुष्मान एप की मदद से घर बैठे आयुष्मान कार्ड बना सकते हैं। अक्टूबर में एक लाख नौ हजार से अधिक कार्ड बनाए जा चुके हैं। कैंप लगाए जा रहे हैं और आयुष्मान एप के प्रयोग के लिए ग्रामीण व वार्ड स्तर पर जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। शहर के सभी प्राथमिकता स्वास्थ्य केंद्र के साथ उर्सला अस्पताल और कांशीराम चिकित्सालय में आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं।
Baten UP Ki Desk
Published : 6 December, 2023, 4:16 pm
Author Info : Baten UP Ki