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आदमखोर भेड़िया और उसका आतंक! फिर भी होता है भारत में भेड़ियों का संरक्षण

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आजकल बहराइच में आदमखोर हो चुके भेड़ियों का आतंक है.  बहराइच के ही महसी तहसील के 25 गांवों में पिछले 47 दिनों से आदमखोर भेड़ियों का कहर छाया हुआ है। यहां के लोगों की जिंदगी में अब डर का साया छा गया है। बच्चे स्कूल नहीं जा रहे, महिलाएं खेतों में काम करने से डर रही हैं, और रात होते ही पूरे गांव में सन्नाटा पसर जाता है। भेड़ियों का यह झुंड अब तक 6 मासूम बच्चों और एक महिला की जान ले चुका है।

बहराइच में भेड़िये का आतंक 

तारीख थी 26 अगस्त, जगह थी बहराइच का खैरीघाट इलाका, उस रात रोली खाना खाने के बाद अपने 7 साल के बच्चे अयांश के साथ घर के आंगन में सो रही होती है , जब वो रात को उठती है तो उसका अयांश उसके पास नहीं होता है। अगली सुबह अयांश का शव घर से 500 मीटर दूर खेत में मिलता है ...उसका सिर गायब था और शरीर पर गहरे घाव थे। हमारा मकसद आपको डराना बिलकुल नहीं है लेकिन सोचिए, अगर ऐसा आपके साथ हो तो यह कितना खौफनाक होगा। ईश्वर ना करे आपके साथ ऐसा हो लेकिन ये सब कुछ सोच कर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। 

खूंखार भेड़िए कब करते हैं हमला?

पिछले दो महीनों से चल रहे आदमखोर भेड़ियों के आतंक में अधिकतर हमले रात में हुए हैं। ये भेड़िए रात के अंधेरे में शिकार करने के लिए निकलते हैं। अब तक हुई सात मौतों में से अधिकांश रात 11 बजे से लेकर सुबह 4 बजे के बीच हुई हैं। हालांकि कई ग्रामीणों ने इन आदमखोर भेड़ियों को दिन में भी देखा है, लेकिन ये हमला करने के लिए रात का समय ही चुनते हैं।

ड्रोन कैमरों से हो रही  ट्रैकिंग

खूंखार भेड़ियों को पकड़ने के लिए व्यापक प्रयास जारी हैं। ड्रोन कैमरों की मदद से इन्हें ट्रैक किया जा रहा है, और खेतों में कई पिंजरे भी लगाए गए हैं। बाहरी पुलिस बल की भी सहायता ली जा रही है। कई टीमों को इस कार्य में लगाया गया है। आज इन भेड़ियों को एक बार फिर कैमरे में कैद किया गया है, और इन्हें पकड़ने के प्रयास लगातार तेज किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि अगले एक से दो दिनों में इन पर काबू पा लिया जाएगा।

भारत है भेड़िया संरक्षित वन्य जीव

भारत में भेड़िया एक संरक्षित वन्य जीव है। IUCN ने इसे रेड लिस्ट में डाल रखा है। मतलब भारत में पाई जाने वाली भेड़िये की प्रजाति इंडियन ग्रे वुल्फ यानी कैनिस ल्यूपस पैलिप्स विलुप्त होने की कगार पर है। इनका रंग भूरा होता है। भारत में एकमात्र भेड़िया अभयारण्य झारखंड के लातेहार जिले के महुआडांड़ में हैं। इसे 1976 में भेड़ियों के संरक्षण के लिए अभयारण्य घोषित किया गया था, जो कि पलामू टाइगर रिजर्व का हिस्सा है। भारत में 2000 से 3000 भेड़िये ही बचे हैं। भेड़िये और कुत्ते दोनों के पूर्वज एक ही हैं, ऐसा डीएनए से पता चला है। लेकिन दोनों की शारीरिक बनावट, शिकार और व्यवहार एकदम अलग-अलग हैं। इनके संरक्षण के लिए हर साल 13 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय भेड़िया दिवस मनाया जाता है।

यूपी में ये भेड़िए इतने आक्रामक क्यों हो गए?

दरअसल आमतौर पर भेड़िए इंसानो से दूर रहना पसंद करते हैं। लेकिन फिर भी कुछ एक्सेप्शनल केसों में भेड़ियों की इंसानों पर हमला करने की खबरें सामने आती हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकतें हैं जैसे भोजन की कमी यानि जब प्राकृतिक शिकारों की कमी हो जाती है तब ये अक्सर मानव बस्तियों की तरफ आने लगते हैं। वहीं कई बार अपनी रक्षा के लिए भी ये लोगों पर हमला करते हैं। हालांकि कुछ बिमारियों के कारण भी ये आक्रामक हो जातें हैं। 

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

विशेषज्ञ कहते हैं कि भेड़िए की सूंघने की क्षमता बहुत तेज होती है। यह अपने साथियों को कभी अकेला नहीं छोड़ते। अगर किसी साथी को शिकार में फंसाकर कहीं ले जाया जाता है तो ये वहां तक पहुंचने की क्षमता रखते हैं। ज्यादातर मामलों में शिकारी यहीं धोखा खाते हैं। बिना किसी मजबूत रणनीति के इन्हें पकड़ना मुश्किल होता है। 

भेड़िया क्यों बनाते हैं बच्चों को निशाना?

बड़े इंसानों के मुकाबले बच्चे, भेड़ियों के निशाने पर ज्यादा होते हैं। बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं और आकार में छोटे होते हैं। इसलिए ये सबसे ज्यादा इन्हें ही शिकार बनाते हैं। इनका हाव-भाव और शरीर इन्हें और फायदा पहुंचाता है। कई मामलों में ऐसा देखा गया है कि बच्चे भेड़ियों को कुत्ता समझ लेते हैं और उनकी तरफ आकर्षित होकर खेलने के लिए चल देते हैं। इस तरह दुर्घटनाओं को बढ़ावा मिलता है। विशेषज्ञों का कहना है कि भेड़िए खेलने, धमकी देने या काटने के लिए हमला नहीं करते हैं बल्कि वो भूख मिटाने के लिए भोजन को तलाशते हैं और बच्चे उनका सबसे आसान शिकार होते हैं। यही वजह है कि जहां भी भेड़िए का आतंक होता है वहां बच्चों के मौत की खबरें ज्यादा आती हैं। 

वन विभाग की टीम ने चलाया 'ऑपरेशन भेड़िया'

उत्तर प्रदेश के बहराइच में भेड़िये कई बच्चों को शिकार बना चुके हैं। इसके बाद वन विभाग की टीम ने ऑपरेशन भेड़िया चलाया और अब तक कई भेड़िये पकड़े भी जा चुके है। धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है।

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