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योगी सरकार किसानों के आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल फसल सर्वे कराने की तैयारी कर रही है। जिसके को लेकर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक की, और सभी अधिकारियों को 15 फरवरी से अभियान चलाकर किसान रजिस्ट्री का काम कराएं जाने के निर्देश दिए हैं। आपको बता दे कि यूपी में डिजिटल फसल सर्वे कराने से किसानों की जिंदगी में नए बदलाव आएंगे। यह सर्वे किसानों की फसलों, उनके उत्पादन और उनके खेतों के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करेगा।
15 फरवरी से शुरु होगा अभियान-
प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि 15 फरवरी से अभियान चलाकर किसान रजिस्ट्री का काम कराया जाए। उन्होंने कहा कि एग्री स्टैक का उद्देश्य किसानों के लिए सस्ता ऋण, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट, स्थानीयकृत और विशिष्ट लक्षित सलाह, बाजारों तक सुविधाजनक पहुंच बनाना, हितधारकों द्वारा विभिन्न किसान और कृषि-केंद्रित लाभदायी योजनाएं बनाना व उन्हें लागू करने की प्रक्रिया को आसान बनाना है।
54 जिलों के 10-10 गांवों में पूर्ण हुआ सर्वे-
उन्होंने कहा कि किसानों के रकबे का सही आंकड़ा प्राप्त होने से बैंकों द्वारा किसानों को कृषि निवेश क्रय करने हेतु आसानी से केसीसी जारी हो सकेगा। आने वाले समय में प्रदेश स्तर पर बैठे-बैठे डिजिटल टेक्नोलॉजी के से यह पता हो सकेगा कि किसान ने अपने खेत में कौन-कौन सी फसलें बोई हैं। डिजिटल फसल सर्वे द्वारा फसलवार उत्पादन की सटीक जानकारी मिलेगी, इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि उत्पादों से आय का वास्तविक आकलन संभव होगा। खरीफ में 21 जिलों में शत प्रतिशत और 54 जिलों में 10-10 गांवों फसल सर्वे को चुका है। यह भी कहा कि रबी 2023-24 के ई खसरा पड़ताल को समय से पूर्ण कराया जाये।
किसानों को मिलेंगे कई लाभ-
आपको बता दे कि डिजिटल क्रॉप सर्वे से किसानों को कई जरूरी लाभ मिल सकेंगे। इनमें किसानों को कृषि उपज बेचने के लिए अब अपने दस्तावेजों का बार-बार सत्यापन कराने से मुक्ति मिल जाएगी। इसके साथ ही फसल से जुड़ी सारी अहम जानकारी सरकार और किसानों को एक जगह पर मिल जाएगी। इससे किसानों को अपनी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर बेचना आसान हो जाएगा। फसल को नुकसान होने की स्थिति में किसानों को वास्तविक क्षति का मुआवजा मिलना भी आसान होगा। साथ ही सरकार को यह पता होगा कि किस किसान ने किस खेत में कौन सी फसल लगाई गई है। ऐसे में सरकार किसानों को फसल से संबंधी कोई भी सलाह आसानी से दे पाएगी, जिससे उन्हें कम लागत में अधिक लाभ मिल सकें।
Baten UP Ki Desk
Published : 8 January, 2024, 10:53 am
Author Info : Baten UP Ki