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उर्दू से ज्यादा संस्कृत पसंद-इरफान

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कहते हैं भाषा का कोई धर्म नहीं होता इसी को सच कर दिखाया है यूपी के होनहार छात्र  इरफान ने, जो आजकल सुर्खियों में हैं। इनके चर्चा में रहने की वजह भी जान लीजिए.. इरफान ने उत्तर प्रदेश संस्कृत माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में पूरे प्रदेश में टॉप किया है। इरफान को संस्कृत बोर्ड में 82.71% अंक मिले हैं।

बेहद साधारण परिवार- यूपी के चदौली के रहने वाले इरफान जितने ही सामान्य परिवार से हैं उनके सपने उससे कहीं अधिक बड़े हैं। वो संस्कृत में शास्त्री और पीएचडी भी करना चाहते हैं। इरफान के माता-पिता सामान्य परिवार से संबंध रखते हैं इरफान के पिता सलाउद्दीन जहां खेती बाड़ी का काम करते हैं। वहीं मां असगरी भी घरों में जाकर काम करती है। इरफान ने आठवीं तक की पढ़ाई उर्दू से की है लेकिन उसका हमेशा से संस्कृत से पढ़ने काम मन था। जिसके बाद उसने इंटर की पढ़ाई के लिए संस्कृत में एडमिशन लिया। उनके पिता ने बताया कि वो कहता है कि उसे संस्कृत बहुत पसंद है उर्दू से ज्यादा वो संस्कृत पसंद करता है।

बेटे की कामयाबी से पिता उत्साहित-बेटे की कामयाबी से उनके पिता सलाउद्दीन काफी उत्साहित हैं वो अपने बेटे के सपने को पूरा करने में पूरी मदद कर रहे हैं। वो कहते हैं भाषा का कोई धर्म नहीं होता फिर संस्कृत तो भारत की प्राचीन भाषा है, इसलिए इसे हर किसी को पढ़ना चाहिए। संस्कृत पढ़ने वालों को भी नौकरी के खूब अवसर मिलते हैं। मेरा बेटा भी संस्कृत से आचार्य और शास्त्री  की पढ़ाई करके शिक्षक बनेगा। मुस्लिम होने के बावजूद भी संस्कृत पढ़ने में मेरे बेटे की उसके शिक्षकों ने खूब मदद की है उसी का नतीजा है कि उसने पूरे प्रदेश में टॉप किया है।

जब उसने संस्कृत चयन किया- इरफान के पिता के मुताबिक उनसे 8वीं तक उर्दू की पढ़ाई की लेकिन उसमें उसके अच्छे नंबर नहीं आए तो उसने घर में संस्कृत पढ़ने की बात कही तो हम लोगों को थोड़ा अजीब लगा। हमने  उससे कहा संस्कृत पढ़ कर तुम क्या करोगे हमारे यहां उर्दू की ज्यादा मान्यता है लेकिन बेटा अपनी जिद पर अड़ा रहा और संपूर्णानंद संस्कृत महाविद्यायल, चंदौली में एडमिशन ले लिया। उस स्कूल में हिन्दू बच्चे ज्यादा थे फिर भी हमारे बच्चे को वहां पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं हुई। 

4 साल में 100 मुस्लिम लड़कों ने की संस्कृत की पढ़ाई- विद्यालय के प्रधानाचार्य के मुताबकि हमारे विद्यालय से पिछले 4 सालों से 100 से अधिक मुस्लिम लड़के पढ़ाई करके निकले हैं। अब  समय बदल रहा है यहां लगातार मुस्लिम बच्चों की संख्या संस्कृत विषय में एडमीशन लेने के लिए बढ़ रही है। आपको बता दे कि इस साल उत्तर प्रदेश संस्कृत माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के उत्तर मध्यमा यानी  इंटरमीडिएट में पूरे प्रदेश में कुल 13738 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी जिनमें से 12243 परीक्षार्थी पास हुए हैं। संस्कृत माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में संस्कृत अनिवार्य विषय है।

  

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