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यूपी के तीन शिक्षकों को आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी सम्मानित

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पांच सितंबर यानी आज का दिन देशभर में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। आज देशभर के स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों के सम्मान में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। आज का दिन देशभर के 50 शिक्षकों के लिए खास है। शिक्षक दिवस के मौके पर इन्हें देश की राष्ट्रपति सम्मानित करेंगी। इन सम्मान पाने वाले शिक्षकों में 3 शिक्षक उत्तर प्रदेश के हैं जिनको आज दिल्ली में राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित किया जाएगा। नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में होने वाले इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों ये तीनों शिक्षक पुरस्कृत होंगे। राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक अवार्ड 2023 से सम्मानित करेंगी। आइए आपको बताते हैं कि इन तीनों शिक्षकों को आखिर सम्मानित करने के लिए क्यों चुना गया और इन्होंने क्या काम किया है।

यूपी के इन तीन शिक्षकों को मिलेगा सर्वोच्च सम्मान-

उत्तर प्रदेश के जिन तीन शिक्षकों को चुना गया है उनमें फतेहपुर की आशिया फारुख, बुलंदशहर के चंद्र प्रकाश अग्रवाल और मेरठ के सुधांशु शेखर पंडा हैं। शिक्षक दिवस के मौके पर इन तीनों शिक्षकों को पुरस्कार मिलेगा। मंत्रालय द्वारा चयनित टीचरों की लिस्ट जारी की गई है। शिक्षा मंत्रालय की संयुक्त सचिव की ओर से राष्ट्रीय शिक्षक अवार्ड 2023 की सूची राज्यों और प्रदेश के स्कूली शिक्षा विभाग को भेजी गई इन शिक्षकों को पुरस्कार के रूप में प्रमाण पत्र और 50000 रुपए प्रदान किए जाएंगे। इस सम्मान के लिए सभी शिक्षक तीनों  शिक्षक दिल्ली पहुंच चुके हैं।

आशिया ने 7 वर्ष में बदली स्कूल की तस्वीर-

फतेहपुर नगर क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल अस्ती की टीचर आशिया फारूकी ने 2009 में हथगाम ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बुशहरा में बतौर सहायक शिक्षिका के पद पर तैनाती पाई थी। इसके बाद साल 2016 में नगर निगम इलाके के अस्ती प्राथमिक स्कूल बतौर प्रिंसिपल का कार्यभार ग्रहण किया। उसी का रिजल्ट है कि 3 वर्ष में स्कूल में पंजीकृत बच्चों की संख्या ढाई सौ पहुंच गई। आशिया ने नवाचार के दम पर स्कूल का कायाकल्प किया। बच्चों में लर्निंग की रुचि पैदा की और अकेले दम पर 5 कक्षाओं का संचालन किया।

कौन हैं सुधांशु शेखर पंडा-

मेरठ के केएल इंटरनेशनल स्कूल के प्रिंसिपल सुधांशु शेखर मूल रूप से उड़ीसा के भुवनेश्वर निवासी हैं। इनके शिक्षण कार्य की शुरुआत मेरठ में ऋषभ एकेडमी से हुई। यहां कुछ समय पढ़ाने के बाद वह इलेक्ट्रा विद्यापीठ में रहे। दीवान पब्लिक स्कूल में लंबे समय तक शिक्षण कार्य किया और कोऑर्डिनेटर रहने के बाद इलेक्ट्रा में प्रिंसिपल बने। इसके बाद इलेक्ट्रा एकेडमी इंटरनेशनल के प्रिंसिपल बने। यहां 10 वर्ष की सेवा के बाद अब केएल इंटरनेशनल स्कूल में प्रिंसिपल के तौर पर कार्यरत हैं। 

कौन हैं चंद्र प्रकाश अग्रवाल-  

चंद्र प्रकाश अग्रवाल ने शिक्षा के क्षेत्र में बुलंदशहर जिले का नाम देशभर में चमकाया है। जनता इंटर कॉलेज जिले का पहला हाईटेक स्कूल है और बेटियों को वह निशुल्क शिक्षा दे रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान जिले में सबसे बेहतर है। आपको बता दें कि पुरस्कारों के लिए शिक्षकों का चयन आनलाइन त्रिस्तरीय चयन प्रक्रिया के माध्यम से किया गया है। इस मौके पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों के लिए चुने गए शिक्षकों द्वारा किए गए कार्यों की शॉर्ट फिल्में भी प्रदर्शित की जाएंगी।

 

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