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पूरे देश के साथ ही रामपुर की रजा लाइब्रेरी भी इनदिनों राममय हो गई है। यहां रामोत्सव के मौके पर भगवान श्रीराम से जुड़े संग्रहों की प्रदर्शनी लगाई गई है। यहां 397 साल पुरानी रामायण लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी है। प्रदर्शनी में सन 1627 में मुल्ला मसीह पानीपती द्वारा फारसी में अनुवादित रामायण को प्रदर्शित किया गया है। इसके साथ ही संस्कृत, उर्दू समेत कई अन्य भाषाओं में अनुवादित रामायण को भी प्रदर्शनी में रखा गया है।
रजा लाइब्रेरी में मौजूद है अनमोल खजाना-
रामोत्सव के तहत रामपुर की रजा लाइब्रेरी एवं म्यूजियम में भारतीय चित्रकला में भगवान श्रीराम विषय पर पवित्र रामायण की विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। इस प्रदर्शनी में भगवान राम से जुड़ी विभिन्न पुस्तकों को प्रदर्शित किया गया है। इसका उद्घाटन शहर के बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिनव जैन ने किया था। इस मौके पर लाइब्रेरी 2024 के कैलेंडर का भी विमोचन किया गया। आपको बता दें कि रजा लाइब्रेरी एक ऐसा नायाब खजाना है, जहां पर हजरत अली जी साहब के हाथ से लिखा कुरान है, तो सुमेर चंद के हाथ से लिखी वाल्मीकि रामायण भी है। इस प्रदर्शनी में आने वाले लोगों के बीच 397 साल पुरानी रामायण चर्चा का विषय रही लोग इस रामायण को देखकर उत्साहित हुए।
प्रदर्शनी में ये है खास-
1627 में फारसी में मुल्ला मसीह पानीपती द्वारा अनुवादित रामायण।18वीं शताब्दी की उर्दू में घासीराम द्वारा लिखित रामलीला। इसके साथ ही 1825 ईसवीं में अहमद खां गफलत द्वारा लिखित किस्सा राम सीता। टीकाकार पंडित ज्वाला प्रसाद मिश्र की टीका रामायण। श्री गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरित मानस। वाल्मीकि रामायण और 1847 में राजा राम वर्मा टीकाकार की टीका आध्यात्म रामायण सेतु भी उपलब्ध है।
Baten UP Ki Desk
Published : 21 January, 2024, 2:09 pm
Author Info : Baten UP Ki