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सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले युवाओं के हित में सरकार के सामने निष्पक्ष तरीके से प्रतियोगी परीक्षाएं सफलतापूर्वक संपन्न कराना एक चुनौती बनती जा रही है। आये दिन परीक्षा लीक होने से अभ्यर्थियों के मन में निराशा पनपने लगती है। आज उत्तर प्रदेश के लाखों अभ्यर्थी महज एक सरकारी नौकरी पाने के लिए रात-दिन एक कर रहे हैं। और ये उम्मीद लगाए बैठे हैं कि इस बार तो सफलता हासिल होगी। लेकिन इस तरह पेपर लीक हो जाने से अभ्यर्थियों में निराशा फैल जाती है।
जब मार्च 2017 में योगी सरकार ने सत्ता में संभाली, तो युवाओं को उम्मीद बंधी। क्योंकि सपा-बसपा की सरकारों में भर्तियों की धांधलियों को युवा पहले ही देख चुके थे। जब योगी सरकार ने कहा कि परीक्षाओं में धांधली नहीं होने देगी। तब प्रदेश के युवाओं ने तुरंत भरोसा कर लिया था। लेकिन सिर्फ 4 महीने बाद ही 25 और 26 जुलाई 2017 को यूपी पुलिस दारोगा भर्ती की परीक्षा का पर्चा लीक हो गया। आपको बता दें कि, अबतक योगी राज में कई पेपर लीक के मामले सामने आ चुके हैं।
आइये इन पेपर लीक मामलों पर एक बार नजर डालते हैं और जानते हैं कैसे क्या हुआ?
पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा -
बीते 17 व 18 फरवरी 2024 को आयोजित हुई पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा-2023 को निरस्त कर दिया गया है। अब सीएम योगी द्वारा अगले 06 माह के भीतर पूरी शुचिता के साथ दोबारा परीक्षा आयोजित कराने के निर्देश दिए गए हैं।
PET परीक्षा-
अगस्त 2021 में प्रीलिमिनरी एलिजिबिलिटी टेस्ट (UPSSSC PET) हुआ था। 75 जिलों में लगभग 70 हजार सीसीटीवी कैमरों से इस परीक्षा की निगरानी की जा रही थी लेकिन फिर भी पेपर आउट होने पर सभी के होश उड़ गए थे।
UPTET की परीक्षा-
28 नवंबर 2021 को UPTET की परीक्षा हुई। लेकिन पेपर लीक हो गया। उसे भी रद्द कर दिया गया था। फिर यह परीक्षा 23 जनवरी 2022 को हुई थी । करीब 83 लाख लड़के-लड़कियों की मेहनत पानी में चली गई।
केवल साल 2018 में ही हुईं इतनी परीक्षाएं रद्द-
यूपीपीसीएल(UPPCL)
2 फरवरी 2018 में यूपीपीसीएल पेपर लीक का मामला सामने आने पर जूनियर इंजीनियर (जेई) परीक्षा को निरस्त कर दिया गया था।
(UPSSSC) परीक्षा
जुलाई 2018 में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) का पेपर लीक हो गया था। एसटीएफ ने पेपर लीक होने की पुष्टि की। तब तत्काल प्रभाव से इसे भी रद्द कर दिया गया था। 14 विभागों में लोअर सबऑर्डिनेट के पदों के लिए करीब 67 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
(UPSSSC) नलकूप ऑपरेटर -
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तहत 2 सितंबर 2018 को नलकूप ऑपरेटरों की भर्ती के लिए होने वाली परीक्षा का पर्चा लीक हो गया था। इस मामले में यूपी एसटीएफ ने मेरठ से 11 लोगों को गिरफ्तार भी किया था।
ग्राम विकास अधिकारी परीक्षा-
ग्राम विकास अधिकारी (VDO) के मई 2018 में 1953 पदों पर भर्ती निकली थी। दिसम्बर 2018 में पेपर भी हुआ था। लगभग 9 लाख स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी। अगस्त 2019 में रिजल्ट भी आ गया। लेकिन डेढ़ साल बीतने के बाद भर्ती रद्द कर दी गई।
दरोगा भर्ती परीक्षा-
साल 2017 में दारोगा पद के लिए प्रदेश के 22 जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। 25 और 26 जुलाई 2017 को लगभग 1 लाख 20 हजार आवेदकों को परीक्षा देनी थी, लेकिन पेपर लीक होने की वजह से इसे निरस्त कर दिया गया था।
झारखंड सरकार का नियम-
झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम निवारण के उपाय) अधिनियम, 2023 में पेपर लीक से जुड़े मामलों को लेकर सबसे सख्त प्रावधान किए गए हैं। इसमें परीक्षाओं के संचालन से जुड़े व्यक्ति, एजेंसियां, प्रिंटिंग प्रेस और षड्यंत्र में शामिल लोग दायरे में आएंगे। अगर कोई प्रिंटिंग प्रेस, परीक्षा आयोजित करने वाला प्रबंधन तंत्र, परिवहन से जुड़ा व्यक्ति या कोई कोचिंग संस्थान साजिशकर्ता की भूमिका निभाता है तो 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। हांलाकि इसके लागू होने की जानकारी अभी नहीं है।
Baten UP Ki Desk
Published : 24 February, 2024, 6:05 pm
Author Info : Baten UP Ki