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अब पीपीपी मॉडल पर चलाए जाएंगे तकनीकी संस्थान

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उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन राजकीय ITI और चार पॉलिटेक्निकों को PPP (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर चलाने के लिए एजेंसियां तय कर दी हैं। इन संस्थानों में लालगंज (प्रतापगढ़), ताखा (इटावा) व कांठ (मुरादाबाद) के राजकीय आईटीआई शामिल हैं। इसके अलावा बाराबंकी व कन्नौज के राजकीय महिला पॉलिटेक्निक और देवबंद (सहारनपुर) व संडीला (हरदोई) के राजकीय पॉलिटेक्निक के लिए भी निजी संचालक तय हो गए हैं। 

आपको बता दे कि संचालन के लिए चुनी गई एजेंसियों में से हिन्दुस्तान लेटेक्स प्रतापगढ़ और इटावा के राजकीय आईटीआई को चलाएगा। मुरादाबाद के राजकीय आईटीआई को निजी हाथों में सौंप दिया है। इस आईटीआई का संचालन इंदिरा गांधी कंप्यूटर साक्षरता मिशन करेगा। यह संस्थान पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर संचालित होगा। इस मॉडल के तहत, सरकार संस्थान की जमीन और संसाधनों की जिम्मेदारी निभाएगी, जबकि संचालन की जिम्मेदारी निजी कंपनी को सौंपी जाएगी।

इसी तरह, बाराबंकी और कन्नौज के राजकीय महिला पॉलिटेक्निक और देवबंद (सहारनपुर) के राजकीय पॉलिटेक्निक का संचालन भी हिन्दुस्तान लेटेक्स करेगा। वहीं, हरदोई के राजकीय पॉलिटेक्निक का संचालन भी इंदिरा गांधी कंप्यूटर साक्षरता मिशन करेगा। सरकार का मानना है कि पीपीपी मॉडल से इन संस्थानों का विकास होगा और छात्रों को बेहतर शिक्षा और सुविधाएं मिल सकेंगी। हरदोई पॉलिटेक्निक में सबसे ज्यादा 45 फीसदी सीटें सरकारी कोटे में रखी गई हैं, जो अन्य संस्थानों की तुलना में अधिक है। यह एक अच्छा संकेत है कि सरकार इन संस्थानों के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है।

इटावा और प्रतापगढ़ के आईटीआई में 30 फीसदी सीटें सरकारी और 70 फीसदी निजी संचालक के कोटे में रहेंगी। सरकारी कोटे पर पढ़ने वाले छात्रों को सरकारी फीस ही चुकानी होगी। यह एक संतुलित व्यवस्था है। इससे छात्रों को अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। निदेशालय के अधिकारियों का मानना है कि निजी हाथों में जाने से प्रशिक्षण का स्तर सुधरेगा। हालांकि पाठ्यक्रम राज्य के अन्य सभी पॉलिटेक्निक व आईटीआई के समान ही होगा। निदेशक प्राविधिक शिक्षा जेएल वर्मा ने बताया कि अगले शिक्षण सत्र से इन संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है।

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