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दिवाली पर जानिए शुभ मुहूर्त एवं लक्ष्मी-गणेश पूजन की विधि

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आज दीपावली का त्योहार हर साल की तरह ही कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाया जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि दिवाली पर मां लक्ष्मी का पृथ्वी पर आगमन होता है इसलिए इस दिन शाम के समय घर के द्वार खुले रखे जाते हैं। दीपावली के शुभ दिन पर मं लक्ष्मी-गणेश जी के साथ-साथ धन के देवता कुबेर की भी पूजा की जाती है।

दिवाली का मुहूर्त शुभ मुहूर्त- 

कार्तिक माह की अमावस्या तिथि आज यानी  12 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर हो रहा है। साथ ही इसका समापन 13 नवम्बर दोपहर 02 बजकर 56 मिनट पर होगा। ऐसे में दीपावली का पर्व रविवार यानी आज मनाया जा रहा है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा के लिए प्रदोष  काल सबसे उत्तम माना जाता है।

पूजा का शुभ मुहूर्त-

लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त - 12 नवंबर शाम 5 बजकर 38 मिनट से 7 बजकर 35 मिनट तक है।

निशिता काल मुहूर्त -12 नवंबर की रात्रि 11 बजकर 35 मिनट से 13 नवंबर रात 12 बजकर 32 मिनट तक।

प्रदोष काल - शाम 05 बजकर 29 मिनट से 08 बजकर 08 मिनट तक।

वृषभ काल - शाम 05 बजकर 39 मिनट से 07 बजकर 35 मिनट तक।

चौघड़िया पूजा मुहूर्त- अपराह्न मुहूर्त (शुभ का चौघड़िया) 12 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 26 मिनट से 02 बजकर 46 मिनट तक।

लक्ष्मी-गणेश पूजन विधि-

दिवाली के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि के से निवृत हो जाएं और साफ-स्वच्छ वस्त्र पहनें। कई साधक इस दिन व्रत आदि भी रखते हैं। ऐसे में ईश्वर का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद मंदिर के पास एक छोटी चौकी रखकर उसके ऊपर  लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। अब गणेश और लक्ष्मी जी की प्रतिमा स्थापित करें। ध्यान रहे कि उनका मुख पूर्व या पश्चिम की दिशा में होना चाहिए।
इसके बाद प्रतिमा के सामने कलश स्थापित करें और उस पर नारियल रख दें। लक्ष्मी-गणेश जी के समक्ष दो बड़े दीपक प्रज्वलित करें। एक छोटी थाली में  चावल के दानों का एक छोटा सा पहाड़ बनाएं। पूजा के दौरान लक्ष्मी-गणेश जी को नारियल, सुपारी, पान का पत्ता अर्पित करें। देवी की मूर्ति के सामने कुछ फूल एवं सिक्के रख दीजिए। सपरिवार माता लक्ष्मी और गणेश जी की आरती करें और अपनी मनोकामनाएं उनको बताएं।

 

 

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