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आज है छोटी दिवाली, जानिए नरक चतुर्दशी पर जलाएं जाते हैं कितने दीपक ?

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दीपावली का त्योहार हिन्दू धर्म में सबसे रोशनी और उल्लास का त्योहार माना जाता है और दीपावली के आसपास पड़ने वाले सभी त्योहारों की अलग-अलग मान्याताएं हैं। फिर वह चाहे धनतेरस, का दिन हो चाहे फिर चाहे गोवर्धन पूजा का सभी दिनों के पीछे अलग ही मान्यताएं और कहानी हैं। इन्ही सब त्योहारों के बीच में एक और त्योहार पड़ता है छोटी दीपावली का। जिसे बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। कहते हैं छोटी दीपावली भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध करके 16000 गोपियों को कैद से मुक्त कराया था और इस दिन की खुशी में छोटी दीपावली मनाई जाती है। 

हर साल यह त्योहार दिवाली से एक दिन पहले कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। इसे नरक चतुर्दशी का त्योहार भी कहते हैं। आपको बता दे कि इस बार यह त्योहार 11 नवम्बर को मनाया जा रहा है। छोटी दिवाली हर्षोल्लास के साथ परंपरागत ढंग से मनाई जाएगी। इस दिन शाम को घर के  द्वार पर या बाहर चौमुखा दीप जलाने की परंपरा है यह दीप पापों के प्रतीक नरकासुर के नाश की कामना से चार ज्योत वाले दीप जलाए जाते हैं।

विधि पूजन करें-  

आज नरक चतुर्दशी है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण, यम, वीर हनुमान और काली माता की पूजा की जाती है। शाम को शुभ मुहूर्त में पूजा स्थान को साफ कर लें। पूजा स्थान पर सभी देवी-देवताओं की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। फिर उनको फूल, अक्षत्, चंदन, सिंदूर, धूप, दीप, गंध, फल और मिठाई अर्पित करें। पूजा का समापन आरती से करने के बाद भगवान को भोग लगाएं। उसके बाद घर के मुख्य द्वार पर यम का दीपक जलाएं।

पूजा करने का शुभ मुहूर्त-

इस बार छोटी दीपावली की पूजा का शुभ मुहूर्त 11 नवंबर 2023 को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से शुरु होकर 12 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।  मान्याताओं के अनुसार शुभ मुहूर्त पर पूजा करने से सभी देवी देवाता- प्रसन्न होते हैं और घर परिवार में सुख-समृध्दि प्राप्त होती है। 

नरक चतुर्दशी का महत्व-

पैराणिक मान्याताओं के अनुसार, द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभागा के साथ मिलकर असुर नरकासुर का वध किया था और उसके अत्याचार से 16000 गोपियों को मुक्त कराया था और इसी लिए दीपावली से एक दिन पहले, रात के समय दीपक जलाकर रात के अंधेरे को दूर किया जाता है ताकि उन सभी गोपियों के साथ साथ सभी के जीवन में रोशनी आ सके। 

 

 

 

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