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यूपी में कितनी सुरक्षित हैं हमारी बेटियां, कौन है इन बढ़ते अपराधों का जिम्मेदार

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देश भर में आज यूपी कई मामलों में सभी राज्यों से आगे है। फिर चाहे हम यहां बेटियों की पढ़ाई को लेकर बात करें या फिर चाहे हम प्रदेश के सभी जिलों में तेजी से हो रहे विकास के बारें में बात करें। आज के समय में विदेश जाकर लोग गर्व से कह सकते हैं कि हम यूपी से आए हैं। एक समय था जब यूपी को एक पिछड़े हुए राज्य के नाम से जाना जाता था लेकिन आज पूरी दुनिया यूपी में तेजी से हो रहे विकास के बारें में जानती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि एक विकसित राज्य के लिए आर्थिक रुप से विकास करने के साथ साथ अपराधों की घटनाओं में भी कमी लाने की आवश्कता होती है। जिस प्रदेश लाख आर्थिक विकास होने के बाद भी वहां कि बहू- बेटियां अगर सुरक्षित नहीं है तो ऐसे विकास का क्या फायदा।

क्या सदियों से हम यहीं विकास चाहते थे-

महिलाओं के खिलाफ अपराध में भोपाल प्रदेश में टॉप पर -

आपको बता दे कि विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ने के साथ प्रदेश में अपराधिक घटनाओं में भी बढ़ोत्तरी हुई है। आज हमारा यूपी महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में देश में सबसे आगे है। क्या प्रदेश के लोग हमेशा से यही बढ़ावा चाहते थे, अगर नहीं तो कौन है इसका जिम्मेदार, आखिर इतनी जागरुकता के बाद भी हमारी घर की बेटियां क्यों नहीं सुरक्षित हैं। क्या है इसके पीछे की वजह और क्या कहते हैं 2023 के आंकड़े। 

क्या आज भी जारी है दहेज प्रथा- 

झारखंड में हर दिन 7 महिलाएं दहेज के लिए हो रहीं प्रताड़ित – Lagatar

दरअसल, हाल ही में सामने आई राष्ट्रीय महिला आयोग की तरफ से रिपोर्ट के मुताबिक, बीते एक साल में यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 16 हजार से अधिक नए मामले सामने आए हैं। इन मामलों से पता चलता है कि महिलाओं के खिलाफ दहेज उत्पीड़न आज भी जारी है। रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं के प्रति पुलिस की उदासीनता, दुष्कर्म, यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़, घरेलू हिंसा, पीछा करना, गरिमा के अधिकार और दहेज उत्पीड़न के मामले प्रकाश में आए है।  यह आंकड़े वाकइ में काफी डराने वाले हैं और इन आंकड़ों ने एक बार फिर से महिलाओं की सुरक्षा को लेकर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आज भी प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।  

कहां जाकर रुकेगा यह अपराध का सिलसिला- 

Essay on "The Dowry System: A Social Curse in India"

दरअसल, NCW की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 28,811 शिकायतें मिलीं हैं। जिसमें से 50 प्रतिशत से अधिक मामले केवल यूपी से दर्ज किए गए है। जिनमें से गरिमा व शालीनता के अधिकार के तहत 8540, घरेलू हिंसा की 6274 दहेज प्रताड़ना की 4797, मानसिक शोषण की 2349, बलात्कार की 1618 व बलात्कार के प्रयास की 1537 शिकायतें दर्ज की गईं। इसी प्रकार सेक्सुअल हैरेसमेंट की 805, साइबर क्राइम की 605, महिलाओं के प्रति पुलिस की उदासीनता की 1,618, और हॉनर क्राइम की 409 शिकायतें प्राप्त हुईं।

महिलाओं के खिलाफ अपराध में सबसे आगे UP-

Ncw Data Crime Against Women Up On Top Know About Other States - Amar Ujala  Hindi News Live - Ncw:महिलाओं के खिलाफ अपराध में Up सबसे आगे, एक साल में 16  हजार

वहीं इन मामलों में भी सबसे ज्यादा शिकायतें महिलाओं के 'गरिमा के अधिकार' (right to dignity) श्रेणी में मिलीं। जिसको लेकर महिला आयोग ने बताया कि घरेलू हिंसा के अलावा अन्य श्रेणियों के तहत भी उत्पीड़न की शिकायतें दर्ज कराई गईं। राष्ट्रीय महिला आयोग के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ दहेज उत्पीड़न आज भी जारी है।  रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के प्रति पुलिस की उदासीनता, दुष्कर्म, यौन उत्पीड़न का प्रयास भी चिंताजनक तस्वीर पेश करता है। इन श्रेणियों में भी बीते 12 महीने के दौरान सैकड़ों मामले दर्ज किए गए हैं। महिला आयोग ने बताया कि सबसे ऊपर उत्तर प्रदेश (16,109) है। दूसरे नंबर पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (2,411) है। तीसरे नम्बर पर महाराष्ट्र में (1,343) चौथे नम्बर पर बिहार में (1,312), पांचवे नम्बर पर मध्य प्रदेश में (1,165)  छठे नम्बर पर हरियाणा और सातवें नंबर पर राजस्थान (1,011)  हैं। इन सभी राज्यों में शिकायतों की संख्या 16,109 से शुरु होकर 1,011 तक है। 

कितनी सुरक्षित हैं हमारी बेटियां-

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वहीं अगर हम पिछले साल 2022 के आकड़ों की बात करें तो राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी की गई 3 दिसबंर 2022 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, देश में अपराध के 58 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए, जिनमें महिलाओं के प्रति अपराध के करीब साढ़े चार लाख मामले थे।  इतना ही नहीं इन मामलों में यह भी पाया गया है कि महिलाओं के विरूद्ध अपराध करने वाले अधिकतर लोगों में उनके पति या रिश्तेदार शामिल थे। इससे यह पता चलता है कि बहू बेटियां अपने ही घर में सुरक्षित नहीं हैं। वह समाज के प्रति जागरुक तो हो रही हैं लेकिन अपने ही घर वालों से अपने आप को कैसे बचाएं।  

क्या है महिलाओं के बढ़ते अपराधों की वजह-

देवभूमि में सुरक्षित नहीं महिलाएं, जानें अपराध के चौंकाने वाले आंकड़े -  uttarakhand women and girls are not safe crime increased year by year -  AajTak

तो वहीं अगर हम महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों की बात करें तो आज कल के समय में बढ़ते अपराधों की एक वजह महिलाओं को दूसरे के प्रति अधिक विश्वास भी है। पुरुषों की अपेक्षा अपराधी महिलाओं को अपने झासे में आसानी से फंसा कर उनका शोषण कर सकते हैं। कभी इस आधुनिक युग की नई तकनीकों के चलते तो कभी समाज की तानों के चलते। हांलाकि इन बढ़ते अपराधों के पीछे कई और भी वजह हैं। जैसे- पुरुषों की मानसिक विकृति, न्याय व्यवस्था, उपभोगवादी संस्कृति और यौन शिक्षा में कम जागरुकता आदि। ऐसे कई कारण हैं जिनके चलते अक्सर महिलाएं ऐसे अपराधों का शिकार होती है। 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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