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CAA लागू होने के बाद यूपी में हाई अलर्ट !

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नागरिकता संशोधन कानून  (CAA) का नोटिफिकेशन जारी  होने के बाद उत्तर प्रदेश के 14 जिलों को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है। लखनऊ, बरेली, मेरठ, कानपुर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, प्रयागराज, मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर, गाजियाबाद, गाजीपुर और वाराणसी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।  इन सभी इलाकों में रात्रि गश्त और पैदल गश्त बढ़ाने के भी आदेश दिए गए है। मुस्लिम मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पुलिस फोर्स द्वारा फ्लैग मार्च किया जा रहा है। जिले में हर जगह पुलिस को अलर्ट मोड पर रखा गया है। अधिकारी लगातार पुलिसकर्मियों के साथ सड़कों पर उतरकर फ्लैग मार्च कर रहे हैं। सीएए को लेकर पश्चिमी यूपी में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है । मेरठ, मुजफ्फरनगर सहित विभिन्न जिलों में पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड में है संवेदनशील स्थानों पर पैरामिलट्री फोर्स को भी तैनात किया गया है। 

मौलाना ने की शांति की अपील-

सीएए का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद मुस्लिम धर्मगुरु और लखनऊ में ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि, 'जिम्मेदार लोगों का कहना है कि इस कानून से मुसलमानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। हमें अपने देश के कानून पर भरोसा होना चाहिए। सभी को अमन कायम रखना चाहिए और किसी भी तरह से डरने की जरूरत नहीं है।' हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हम कानून का अध्ययन करेंगे और फिर इस पर कुछ कह पाएंगे।

2019 में हुए थे हिंसक प्रदर्शन-

आपको बता दे कि साल 2019 में CAA बिल संसद से पास होने के बाद लखनऊ सहित कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इसी को मद्देनजर रखते हुए इस बार पुलिस काफी सतर्क है। दंगारोधी उपकरणों के साथ पुलिस संवेदनशील इलाकों में लगातार फ्लैग मार्च कर रही है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी  कड़ी नजर रखी जा रही है, ताकि किसी भी तरह की अफवाह और उपद्रव न हो सके।

सोशल मीडिया पर कड़ी  नजर-

सीएए लागू होने के बाद एंटी सोशल एलीमेंट सोशल मीडिया के जरिए एंटी इंडिया प्रोपेगैंडा न फैलाया जा सके इसके लिए सुरक्षा एजेंसियाों की सोशल मीडिया पर पैनी नजर है। कोई भी  सोशल मीडिया पर झूठी और भ्रामक पोस्ट न शेयर करे सके, इसके मद्देनजर दिल्ली एनसीआर समेत देशभर की इंटेलिजेंस विंग और पुलिस अलर्ट मोड पर हैं। ताकि किसी तरह की फर्जी अफवाह न फैले।  

घुसपैठियों पर  पुलिस की नजर

उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ सालों में अन्य प्रदेशों की तुलना में घुसपैठ के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। खास तौर पर बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के रास्ते से आने वाले 90 से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमानों को घुसपैठ करके फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उत्तर प्रदेश में  आने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। 

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