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(Special Story) उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने में जुटी योगी सरकार ने राज्य में स्टार्टअप को भी बढ़ावा देने के साथ ही रोजगार बढ़ाने का एक और रास्ता खोज निकाला है। यूपी सरकार राज्य में ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी के तहत स्टार्टअप को बढ़ावा देगी। इसके लिए सरकार उद्योग लगाने वालों को विभिन्न तरह के लाभ और प्रोत्साहन प्रदान करेगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ग्रीन हाइड्रोजन क्या है? इसे कैसे महंगे पेट्रोल और डीजल के सबसे अच्छे विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है और कब तक ग्रीन हाइड्रोजन से गाड़ियां चलने लगेंगी। आइए विस्तार से समझते हैं की ग्रीन हाइड्रोजन हमारे लिए कैसे लाभदायक साबित हो सकता है......
ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी को मंजूरी-
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने मंगलवार को ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी को मंजूरी दी है। इस पॉलिसी के आने से क्या होने वाला है यह जानते हैं। इस ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी के तहत सरकार स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए अधिकतम 25 लाख रुपए प्रतिवर्ष प्रति स्टार्टअप 5 वर्षों तक वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त इंक्यूबेटर को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
प्रदेश में इतने लोगों का मिलेगा रोजगार-
सरकार की इस ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी के तहत 5 वर्षों में उत्तर प्रदेश में लगभग 1 लाख 20 हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा। इस ग्रीन हाइड्रोजन नीति के संचालन में यूपीनेडा नोडल एजेंसी होगी।
30 वर्ष के लिए लीज पर मिलेगी जमीन-
ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं की स्थापना के लिए सरकार 30 वर्ष की अवधि के लिए ग्राम समाज, सरकारी भूमि को लीज पर उपलब्ध कराएगी। सार्वजनिक क्षेत्रों के लिए लीज का मूल्य एक रुपए प्रति एकड़ प्रतिवर्ष होगा तथा निजी निवेशकों के लिए यह 15 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रतिवर्ष होगा। यह भूमि अस्थानांतरणीय होगी और यदि आवंटन होने के 3 वर्ष की अवधि में भूमि ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं हेतु उपयोग में नहीं लाई जाती है तो भूमि अनिवार्य रूप से वापस ले ली जाएगी। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के तहत यूपीनेडा द्वारा सिंगल विंडो पोर्टल को निवेश मित्र से इंटरलिंक किया जाएगा। ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट को पर्यावरण अनापत्ति हेतु व्हाइट कैटेगरी स्टेटस प्रदान किया जाएगा। प्रदेश सरकार भूमि बैंक एवं जल की उपलब्धता हेतु आंकड़े तैयार करेगी एवं संभावित निवेशकों को आवश्यकतानुसार भूमि, जल एवं विद्युत पारेषण त्रंत उपलब्ध करवाने में सहयोग प्रदान करेगी।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की भी होगी स्थापना-
ग्रीन हाइड्रोजन एवं इसके उत्पादों की उत्पादन लागत घटाने एवं नवीनतम तकनीकी विकास हेतु 2 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी, जिसमें शासकीय शैक्षणिक संस्थानों को 100 प्रतिशत एक मुश्त वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में अधिकतम 50 करोड़ रुपए तक दिया जाएगा। भारत सरकार द्वारा समय समय पर उपलब्ध कराए गए प्रोत्साहन इस नीति के प्राविधानिक प्रोत्साहन के अतिरिक्त माने जाएंगे।
2028 तक इतनी ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य-
प्रदेश में वर्ष 2028 तक ग्रीन हाइड्रोजन/ग्रीन अमोनिया एक मिलियन मीट्रिक टन प्रतिवर्ष उत्पादन क्षमता का लक्ष्य रखा गया है। कुल 5 हजार करोड़ रुपए का वित्तीय प्राविधान इस नीति के क्रियान्वयन में किया जाएगा। आइए आपको बताते हैं कि आखिर ये ग्रीन हाइड्रोजन होता क्या है और यह हमारे जीवन को कैसे आसान बना सकता है।
क्या होता है ग्रीन हाइड्रोजन-
एकदम सरल भाषा में कहा जाए तो ग्रीन हाइड्रोजन एक प्रकार का हाइड्रोजन है जो नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, और जलविद्युत ऊर्जा, का उपयोग करने तैयार किया जाता है। यह हाइड्रोजन का एक स्वच्छ रूप है क्योंकि इसके उत्पादन में कोई कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन नहीं होता है। इसलिए इसका उत्पादन ग्रे हाइड्रोजन के उत्पादन से थोड़ा महंगा होता है।
ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग-
ग्रीन हाइड्रोजन के लाभ-
आपको बता दें कि ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन नहीं करता है, इसलिए यह जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही यह ग्रीन हाइड्रोजन नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से उत्पादित होता है, इसलिए यह एक टिकाऊ ऊर्जा स्रोत है। ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों में किया जा सकता है।
ग्रीन हाइड्रोजन की उत्पादन लागत-
गौरतलब है कि ग्रीन हाइड्रोजन की उत्पादन लागत अभी काफी महंगी है, इसलिए सरकारें इसे कम करने के उपाय पर काम कर रहीं है। इसके साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन को स्टोर करना और इसका परिवहन करना भी अभी थोड़ा मुश्किल काम है।
केंद्र सरकार ग्रीन हाइड्रोजन को दे रही बढ़ावा-
केंद्र सरकार ग्रीन हाइड्रोजन को भारत के ऊर्जा भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में देख रही है। इसलिए इसके उत्पादन के लिए उसने विभिन्न योजनाए शुरू की हैं। सरकार इस स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के साथ ही कई अन्य कामों के लिए करना चाहती है।
ग्रीन हाइड्रोजन का परिवहन में होगा उपयोग-
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अभी पिछले महीने ही यानि फरवरी 2024 में कहा था कि केंद्र सरकार संभावित परिवहन ईंधन के रूप में Green Hydrogen के बारे में संभावनाएं तलाश रही है। सरकार ने बसों, ट्रकों और चार पहिया वाहनों में ईंधन के रूप में Green Hydrogen के उपयोग पर आधारित पायलट परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए योजना दिशानिर्देश जारी किए हैं। ऊर्जा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया था कि यह योजना वित्तीय वर्ष 2025-26 तक ₹496 करोड़ के कुल बजट के साथ लागू की जाएगी।
केंद्र सरकार की पहल-
सरकार ने 2023 में राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की शुरूआत की है। जिसका लक्ष्य 2030 तक 5 मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करना है। इस मिशन के तहत, सरकार हाइड्रोजन उत्पादन, अनुसंधान और विकास, और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देगी। इसके साथ ही सरकार ने 2021 में राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन नीति जारी की, जिसमें ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन, उपयोग और बाजार विकास के लिए एक रूपरेखा तैयार की गई है। सरकार ग्रीन हाइड्रोजन प्रोत्साहन योजना के तहत इसके उत्पादन के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं, जिसमें सब्सिडी, कर लाभ, और ऋण सुविधाएं भी शामिल हैं।
ग्रीन हाइड्रोजन है भविष्य की ऊर्जा-
ग्रीन हाइड्रोजन, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से उत्पादित हाइड्रोजन, एक स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा स्रोत है। यह जलवायु परिवर्तन को कम करने और वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ग्रीन हाइड्रोजन की मांग आने वाले वर्षों में तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। यह विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग किया जाएगा, जैसे कि परिवहन, उद्योग, बिजली उत्पादन, और घरेलू उपयोग। इसके साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन से लाखों लोगों को नौकरियों के अवसर भी उत्पन्न होंगे। इसके साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था में भी अहम भूमिका निभा सकता है। कहने का सीधा सा मतलब यह है कि आने वाले समय में ग्रीन हाइड्रोजन हमारे जीवन के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकता है।
2030 तक चलेंगी कारें और बड़ी गाड़ियां-
ग्रीन हाइड्रोजन को महंगे पेट्रोल और डीजल के सबसे अच्छे विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। जानकारों के मुताबिक ग्रीन हाइड्रोजन पेट्रोल और डीजल की तुलना में काफी सस्ता होगा। साल 2030 तक कारों के अलावा बड़ी-बड़ी गाड़ियों को भी इससे आसानी से चलाया जा सकेगा। इसमें ट्रेन भी शामिल हो सकती है। हालांकि हाइड्रोजन पर अभी एकसाथ कई रिसर्च चल रही हैं।
सीनियर प्रोड्यूसर
Published : 6 March, 2024, 3:00 pm
Author Info : राष्ट्रीय पत्रकारिता या मेनस्ट्रीम मीडिया में 15 साल से अधिक वर्षों का अनुभव। साइंस से ग्रेजुएशन के बाद पत्रकारिता की ओर रुख किया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया...