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अब उत्तर प्रदेश के छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण मिल सकेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। जिसके चलते 75 जिलों में संचालित आईटीआई को निजी हाथों दिए जाने की तैयारी है। पहले चरण में 34 आईटीआई को निजी हाथों में सौंपे जाएंगे। सरकार का कहना है कि तकनीकी विकास के सात तकनीकी शिक्षा की मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसे में कम समय में युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा मिले इसके लिए 34 आईआईटी को निजी हाथों में दिया जाएगा। इन सभी आईटीआई का संचालन पीपीपी मोड पर किया जाना है।
युवाओं को हुनरमंद बनाने की तैयारी-
प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल के मुताबिक नए सत्र से प्रदेश के आईटीआई को प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप के तहत संचालित करने की योजना है। इसके तहत प्रदेश के करीब 34 आईटीआई को निजी कंपनियों के सहयोग से चलाया जाएगा। प्रदेश सरकार युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए आईटी-आईटीईएस नीति, 2022 के तहत यह काम करेगी। आईटी-आईटीईएस नीति, 2022 के तहत उप्र कौशल विकास मिशन के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त प्रतिष्ठित संस्थानों से अनुबंध करके प्रदेश के युवाओं को विश्व स्तरीय पाठ्यक्रमों की निःशुल्क ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के बाद सभी प्रशिक्षित युवाओं को संस्थाएं ग्लोबल सर्टिफिकेट भी प्रदान करेंगी। यह ग्लोबल सर्टिफिकेट प्राप्त युवा देश में रोजगार प्राप्त करने के साथ-साथ विदेशों में भी रोजगार के नए अवसर खोज सकेंगे।
Baten UP Ki Desk
Published : 13 January, 2024, 6:46 pm
Author Info : Baten UP Ki