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यूपी से दुबई और ऑस्ट्रेलिया तक जाती हैं सब्जियां और फल, एक्सपोर्ट में लगाई लंबी छलांग, देश में हासिल की ये उपलब्धि

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उत्तर प्रदेश ने कृषि उत्पादों के निर्यात में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। राज्य ने निर्यात यानी एक्सपोर्ट के मामले में देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है, जो राज्य की कृषि क्षमताओं और प्रगति का स्पष्ट प्रमाण है। यह उपलब्धि न केवल राज्य के किसानों की मेहनत और समर्पण को दर्शाती है, बल्कि राज्य सरकार की प्रभावी नीतियों और योजनाओं का भी परिणाम है। साल 2023 में यूपी देश में पांचवें स्थान पर था लेकिन अपने संसाधनों को बेहतर बनाकर सही दिशा में प्रयासों के बल पर पहली बार यह स्थान हासिल किया है। कृषि निर्यात के क्षेत्र में केवल उत्तर प्रदेश से आगे महाराष्ट्र और गुजरात हैं।

आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल को पछाड़ा-

उत्तर प्रदेश ने आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल को पछाड़ कर यह स्थान हासिल किया है। एग्रीकल्चर एंड प्रोसैस्ड फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीडा) भारत सरकार ने इस संबंध में एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, मात्र एक वर्ष में कृषि निर्यात के क्षेत्र में यूपी को वर्ष में साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की अतिरिक्त ग्रोथ मिली है जो एक कीर्तिमान है।

फल-सब्जियों का भारी निर्यात 

एपीडा की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के कृषि उत्पादों के निर्यात मूल्य में 18.62 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले वर्ष प्रदेश से 18,991.45 करोड़ रुपये के कृषि उत्पादों का निर्यात किया गया था, जो 2023-24 में बढ़कर 22,528.56 करोड़ रुपये हो गया है। इसमें सबसे अधिक वृद्धि फल और सब्जियों के निर्यात में हुई है, जो 475 प्रतिशत बढ़ी है। गेहूं के निर्यात में भी 144.85 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।इसके अलावा, कुछ अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात में भी महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है। जो इस प्रकार है- प्रोसेस्ड मीट 

  • प्रोसेस्ड फलों के निर्यात में 44.45 प्रतिशत वृद्धि 
  • फ्लोरीकल्चर (फूलों की खेती) के निर्यात में 37.58 प्रतिशत की वृद्धि
  • प्रोसेस्ड मीट के निर्यात में 35.62 प्रतिशत वृद्धि 
  • श्रीअन्न (मोटे अनाज) के निर्यात में 36.05 प्रतिशत वृद्धि
  • बासमती चावल के निर्यात में 33.63 प्रतिशत वृद्धि
  • आम के निर्यात में 28.34 प्रतिशत वृद्धि
  • और भैंस के मांस के निर्यात में 24.5 प्रतिशत की वृद्धि

इस तरह, प्रदेश के विभिन्न कृषि उत्पादों के निर्यात में हुई वृद्धि ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है।

विदेशों में जाती हैं सब्जियां और फल-

वाराणसी हवाई अड्डे से अब सीधे दुबई और खाड़ी के अन्य देशों को सब्जियां और फल भेजी जाने लगी हैं। चंदौली से काला चावल ऑस्ट्रेलिया निर्यात किया गया है, जबकि वाराणसी से कतर और मिर्जापुर से सेनेगल को चावल का निर्यात किया गया है। बलिया, भदोही, प्रयागराज, अयोध्या और लखनऊ से हरी मिर्च और अन्य ताजी सब्जियां भेजी जा रही हैं। मेरठ, रामपुर, सहारनपुर और लखनऊ से आम, फर्रुखाबाद और आगरा से आलू, बागपत से शहद, कानपुर से मूंगफली, बिजनौर से खाड़ी देशों को गुड़ और हाथरस से न्यूजीलैंड को मक्खन बड़े पैमाने पर निर्यात किया जा रहा है।

विदेशी बाजार मिलने से एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी-

उत्तर प्रदेश को अपने कृषि उत्पादों के लिए नए बाजार मिलने से निर्यात में तेजी से वृद्धि हो रही है। राज्य सरकार द्वारा विदेशी मांगों के अनुसार बेहतर गुणवत्ता के उत्पाद तैयार करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे यह सफलता हासिल हो रही है। पूर्वी उत्तर प्रदेश से ताजी और उच्च गुणवत्ता वाली सब्जियां और आम वाराणसी पैक हाउस के माध्यम से लंदन समेत यूरोप के अन्य देशों को निर्यात किए जा रहे हैं।

कृषि निर्यात में वृद्धि के कारण-

उत्तर प्रदेश सरकार ने कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें प्रमुख रूप से उन्नत कृषि तकनीकों का प्रोत्साहन, उच्च गुणवत्ता वाले बीज और उर्वरकों का वितरण, और बेहतर सिंचाई सुविधाओं का प्रावधान शामिल है। इसके साथ ही, राज्य सरकार ने किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य दिलाने के लिए भी विशेष प्रयास किए हैं।

कृषि उत्पादों की विविधता-

उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादों में चावल, गेहूं, आलू, गन्ना, और सब्जियां प्रमुख हैं। इसके अलावा, राज्य में फलों की खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है। आम, केला, और जामुन जैसे फलों का निर्यात भी राज्य के कृषि निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

निर्यात बाजारों का विस्तार-

उत्तर प्रदेश ने अपने कृषि उत्पादों के निर्यात बाजारों का भी विस्तार किया है। राज्य के कृषि उत्पाद अब न केवल देश के विभिन्न हिस्सों में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी लोकप्रिय हो रहे हैं। यूरोप, अमेरिका, और मध्य पूर्व जैसे देशों में उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादों की मांग बढ़ रही है।

 

किसानों को लाभ-

कृषि निर्यात में वृद्धि से राज्य के किसानों को भी सीधे लाभ हो रहा है। उन्हें अपनी फसलों का उचित मूल्य मिल रहा है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। इसके अलावा, निर्यात से होने वाली आय का एक हिस्सा भी राज्य के कृषि क्षेत्र के विकास में लगाया जा रहा है।

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