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ASI को रिपोर्ट जमा करने के लिए मिला और समय, अदालत ने इतने दिनों की मोहलत दी

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वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में परिसर की सर्वे रिपोर्ट अदालत में दाखिल करने के लिए करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI ने मंगलवार को तीसरी बार अतिरिक्त समय की मांग की थी। इस पर आज सुनवाई करते हुए जिला जज की अदालत ने टीम को दस दिनों की मोहलत दे दी है।  

आपको बता दें कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI की तरफ से ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा गया था। जिस पर जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बुधवार को नाराजगी जताई। जिला जज की अदालत ने गवर्निंग कौंसिल से सवाल किया और कहा कि आखिर रिपोर्ट दाखिल करने में देरी क्यों हो रही है। ASI के अधिकारियों से बात करके स्पष्ट करें और देरी का कारण भी बताएं। 

ASI ने दीं ये दलीले-

गवर्निंग कॉउंसिल ने आवेदन में दी गई दलीलों का हवाला देते हुए बचाव किया। उन्होंने कहा कि पुरातत्वविदों, पुरालेखविदों, रसायनज्ञों, सर्वेक्षणकर्ताओं, भू-भौतिकी विशेषज्ञों आदि ने सर्वे करके महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए हैं। इसकी रिपोर्ट बनाई जा रही है। डेटा तैयार किया जा रहा है इसलिए समय लग रहा है। जीपीआर तकनीक से हुए सर्वे की रिपोर्ट बनाने में समय लग रहा है। एएसआई के विशेषज्ञ लगातार काम कर रहे हैं। इससे पहले मसाजिद कमेटी ने बार-बार समय बढ़ाए जाने की मांग पर आपत्ति जताई और इस आवेदन को खारिज करने की मांग रखी। इस मामले में अदालत बृहस्पतिवार को आदेश दे सकती है।

व्यासजी तहखाने की सुपुर्दगी-अधिकार पर फैसला-

इसके साथ ही आज वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने की सुपुर्दगी या जिलाधिकारी को सौंपने को लेकर दाखिला याचिका पर भी सुनवाई होगी। जिला जज ने पक्षकार और प्रतिवादी को सुनने के बाद आज अंतिम जिरह होगी, जिसके बाद मामले में कोर्ट फैसला सुनाएगा। वादी बनाने की अपील पर दोनों पक्षों के वकीलों की जिरह के बाद फैसले आने की संभावना है।

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