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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले महिलाओं के सशक्तिकरण और दृढ़ संकल्प की प्रतीक बनीं आईपीएस अंशिका वर्मा ने अपनी काबिलियत का परचम लहराया है। बरेली की एसपी साउथ अंशिका वर्मा को BRICS चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित पांचवें वार्षिक महिला शिखर सम्मेलन में ‘वुमेन आइकन अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान न केवल उनके उत्कृष्ट कार्यों का प्रमाण है, बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए मेहनत कर रही हैं।
BRICS समिट में दिखी भारतीय महिला शक्ति की झलक
इस समिट का आयोजन ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (BRICS) के आर्थिक सहयोग और महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। सम्मेलन में दुनियाभर से आईं महिलाओं ने भाग लिया और अपने अनुभव साझा किए। आईपीएस अंशिका वर्मा ने इस अवसर पर पुलिस सेवा की चुनौतियों और महिलाओं की भूमिका पर अपने विचार रखे, जिससे उन्होंने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
दिल्ली में कॉफी टेबल बुक का विमोचन
इस मौके पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अंशिका वर्मा के कार्यों पर आधारित ‘कॉफी टेबल बुक’ का विमोचन किया। इस पुस्तक में उनके संघर्ष, मेहनत और सफलता की कहानी को दर्शाया गया है, जिससे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा मिलेगी।
IPS बनने तक का सफर: सेल्फ स्टडी से मिली सफलता
अंशिका वर्मा 2021 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं और प्रयागराज की मूल निवासी हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद बिना कोचिंग के सिविल सेवा परीक्षा पास की, जो उनकी मेहनत और लगन का प्रमाण है। उनकी पहली नियुक्ति आगरा के फतेहपुर सीकरी थाने में बतौर एसएचओ हुई थी। इसके बाद उन्होंने गोरखपुर में एएसपी के रूप में 10 महीने तक सेवा दी, जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें बरेली का एसपी साउथ बनाया।
महिला सशक्तिकरण की प्रेरणा
आईपीएस अंशिका वर्मा अपनी नेतृत्व क्षमता, साहस और कर्मठता के लिए जानी जाती हैं। पुलिस सेवा में रहते हुए उन्होंने न केवल अपराध नियंत्रण पर जोर दिया, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनका यह सम्मान सभी युवा महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो कठिनाइयों से लड़कर अपने सपनों को पूरा करना चाहती हैं।
खुद पर भरोसा करें और आगे बढ़ें
सम्मेलन में सम्मान मिलने के बाद अंशिका वर्मा ने कहा, "किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए सबसे जरूरी चीज खुद पर भरोसा और कड़ी मेहनत है। जब आप अपने सपनों को साकार करने के लिए पूरी लगन से जुटते हैं, तो सफलता जरूर मिलती है।"उनका यह सफर दिखाता है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी बाधा रास्ता नहीं रोक सकती। अंशिका वर्मा का यह सम्मान न केवल उनकी मेहनत की पहचान है, बल्कि यह भी साबित करता है कि महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं और सफलता हासिल कर सकती हैं।
सपनों को साकार करने की कहानी
आईपीएस अंशिका वर्मा की यह उपलब्धि महिला सशक्तिकरण और समाज में बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी कहानी उन सभी लड़कियों और महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को हकीकत में बदलने की हिम्मत रखती हैं।
Baten UP Ki Desk
Published : 5 March, 2025, 7:09 pm
Author Info : Baten UP Ki