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प्रदेश सरकार की एक और पहल, उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी मेडिकल कॉलेजों में खोले जाएंगे नशा मुक्ति केंद्र

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नशे के खिलाफ एक और पहल की है। जिसको लेकर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कॉलेज प्राचार्यों को नशा मुक्ति केंद्र खोलने के निर्देश दिए हैं। यह केंद्र कॉलेज परिसर में ही खोले जाएंगे। इन केंद्रों में नशा से छुटकारा पाने के लिए दवा और काउंसिलिंग दोनों की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।दरअसल, प्रदेश के 75 जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की कवायद चल रही है। इसका मकसद अधिक से अधिक डॉक्टर तैयार किए जाना और घर के नजदीक मरीजों को समय से बेहतर इलाज देना है। 

दवा के साथ होगी काउंसिलिंग- 

आपको बता दे कि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बुधवार को एक बातचीत के दौरान मेडिकल कॉलेज के प्रशासन को निर्देश देते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज में रोगियों को सभी तरह की बीमारियों का इलाज मुहैया कराने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। कॉलेजों में आधुनिक मशीनें स्थापित कराई जा रही हैं। इन सबके साथ साथ नशा एक गंभीर समस्या है और प्रदेश को नशा मुक्त करने की दिशा में भी प्रयास किया जा रहा है।  युवाओं को इसकी लत लगने से रोकने के लिए जरूरी है कि उन्हें इस बारे में जागरूक किया जाए। नशा मुक्ति केंद्र खोलने से छात्रों को नशे से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी। साथ ही रोगी नशे से होने वाले शारीरिक व मानसिक नुकसान से भी अवगत हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति केंद्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों और काउंसलर की तैनाती की जाएगी। मरीजों को दवा के साथ मानसिक रूप से भी मजबूत बनाने के लिए काउंसिलिंग की जाएगी।

समय-समय पर चलाये जाएंगे जागरुकता अभियान-

बता दे कि नशा मुक्ति केंद्रों में डॉक्टर की सलाह पर रोगियों को दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे उन्हें नशे से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी। साथ ही ओपीडी में जरूरत पड़ने पर रोगियों को भर्ती कर इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। इससे उन्हें बेहतर उपचार मिलेगा। समय-समय पर जागरुकता अभियान चलाने से लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी मिलेगी। इससे नशे की लत लगने से रोकने में मदद मिलेगी। हाल ही में गाजीपुर मेडिकल कॉलेज में नशा मुक्ति केंद्र की शुरूआत की गई है। धीरे-धीरे बाकी मेडिकल कॉलेजों में भी नशा मुक्ति केंद्र खोले जाएंगे। 

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