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उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को डायल 112 की महिला कर्मियों के प्रदर्शन के बाद एडीजी अशोक कुमार को हटा दिया है। उनकी जगह पर नीरा रावत को डायल 112 की कमान सौंपी गई है। बता दे कि महिला कर्मियों के प्रदर्शन करने के बाद शासन ने कड़ी कार्यवाही करते हुए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है। हांलाकि शासन की इस कार्यवाही के बाद भी महिला संविदाकर्मी लखनऊ के ईको गार्डन में ही मौजूद हैं। रात उन्होंने खुले आसमान के नीचे काटी।
सुनवाई न होंने के चलते सड़कों पर उतरी महिलाकर्मी-
दरअसल, महिला कर्मियों ने पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। बताया जा रहा है कि उन्हें 2018 से ही संविदा पर रखा गया था। उनकी मांग थी कि उन्हें नियमित किया जाए और उन्हें 2018 से लेकर अब तक की बकाया सैलरी का भुगतान किया जाए। साथ ही महिला कर्मियों ने आरोप लगाया था कि उनसे 12 घंटे काम लिया जाता है, लेकिन उन्हें सिर्फ 8 घंटे की सैलरी दी जाती है। जिससे उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसके बाद शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने कामकाज ठप कर दिया और सड़कों पर उतर आईं। जिस पर कार्यवाही करते हुए प्रदेश की सरकार ने प्रदर्शन के बाद जांच करने के आदेश दिए थे, जांच में एडीजी अशोक कुमार पर महिला कर्मियों की मांगों को लेकर लापरवाही बरतने का आरोप लगा था। इसके बाद सरकार ने उन्हें हटाने का फैसला लिया है अब उनकी जगह आईपीएस नीरा रावत की नियुक्ति की गई है और एडीजी अशोक कुमार अब पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से अटैच किया गया है।
इसी के साथ साथ सरकार ने सीबीसीआईडी विभाग प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार को विभाग की जिम्मेदारी से मुक्त करते हुए आनंद कुमार को इसका डीजी बनाया है। इससे पहले आनंद कुमार डीजी सहकारिता के पद पर तैनात थे। वहीं मिली जानकारी के मुताबिक, विजय कुमार के DG CBCID रहते हुए गोंडा के दलित बुजुर्ग की हत्या के मामले में 6 साल में 14 बार जांच बदल दी गई थी। बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने भी जांच बदलने के मामले में उनके फर्जी लेटर पैड के इस्तेमाल की शिकायत की थी। ऐसे में माना जा रहा है कि इन्हीं वजहों से कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक को इस विभाग की जिम्मेदारी से मुक्त किया गया है।
नीरा रावत 2013 बैच की आईपीएस अधिकारी-
आपको बता दे कि नीरा रावत 2013 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। वह अभी तक डीआईजी के पद पर तैनात थीं। इससे पहले नीरा रावत के पास 1090 का संचालन करने का जिम्मा था। वहां पर भी कॉल सेंटर द्वारा कॉलिंग की जाती है। वहीं नीरा रावत की नियुक्ति को महिला कर्मियों के लिए एक अच्छा संकेत माना जा रहा है। वह एक अनुभवी अधिकारी हैं और महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूक हैं। उम्मीद है कि उनकी नियुक्ति के बाद महिला कर्मियों की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान हो जाएगा।
Baten UP Ki Desk
Published : 8 November, 2023, 1:03 pm
Author Info : Baten UP Ki