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आज के डिजिटल युग और महंगी कोचिंग के दौर में, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए 'मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना' वरदान साबित हो रही है। इस योजना की शुरुआत 16 फरवरी 2021 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गई थी, जिसके तहत सिविल सेवा, जेईई, नीट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को मुफ्त में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। अब इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए 'अभ्युदय पोर्टल' विकसित किया गया है, जो एक अनूठा ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म के रूप में उभरा है।
अभ्युदय योजना: एक व्यापक पहल
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र खोले गए हैं। इसके अलावा, प्रत्येक मंडल में भी एक-एक केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जहां छात्रों को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह की शिक्षा दी जाती है। इस योजना में पंजीकृत छात्रों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। मौजूदा समय में, इस योजना के तहत 27,000 से अधिक छात्र पंजीकृत हैं, जो इस योजना की लोकप्रियता और सफलता का प्रमाण है।
अभ्युदय पोर्टल: छात्रों की तैयारी के लिए डिजिटल क्रांति-
अभ्युदय योजना को और प्रभावी बनाने के लिए अभ्युदय पोर्टल विकसित किया गया है, जो छात्रों के लिए एक व्यापक ई-लर्निंग प्लेटफार्म के रूप में काम कर रहा है। इस पोर्टल पर विश्वसनीय शिक्षकों और विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई पढ़ाई की सामग्री, वीडियो क्लासेज, और टेस्ट सीरीज़ उपलब्ध हैं। यह पोर्टल छात्रों की तैयारी को न केवल आसान बनाता है, बल्कि उन्हें सही दिशा और मार्गदर्शन भी प्रदान करता है।
विशेषज्ञों का मार्गदर्शन और पोर्टल की सफलता-
अभ्युदय पोर्टल पर 2000 से अधिक शिक्षकों और विषय विशेषज्ञों की टीम काम कर रही है। इनमें 500 से अधिक आईएएस अधिकारी, 450 आईपीएस अधिकारी, 300 से अधिक आईएफएस अधिकारी और अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं। ये विशेषज्ञ शैक्षिक सामग्री तैयार करने के साथ-साथ वीडियो क्लासेज रिकॉर्ड करने और प्रश्नोत्तरी तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनके अनुभव से छात्रों को परीक्षा की तैयारी में सीधा लाभ मिलता है। इसके अलावा, ये विशेषज्ञ आभासी सत्रों के माध्यम से भी छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं, जिससे उन्हें अपनी तैयारी के दौरान किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।
क्या कहते हैं सफलताओं के आंकड़े?
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना और अभ्युदय पोर्टल की सफलता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अब तक 400 से अधिक छात्र विभिन्न सरकारी पदों पर चयनित हो चुके हैं। यूपीएससी 2023 में 23 छात्र, यूपीपीसीएस 2023 में 30 छात्र, और जेईई (मेन्स) 2024 में 35 छात्र इस योजना के तहत चयनित हुए हैं। ये आंकड़े योजना की प्रभावशीलता और छात्रों के लिए इसकी उपयोगिता को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं।
अभ्युदय पोर्टल का भविष्य और सुधार की दिशा में कदम
उत्तर प्रदेश सरकार इस पोर्टल को और भी व्यापक बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है। भविष्य में पोर्टल पर और अधिक अध्ययन सामग्री, वीडियो क्लासेज और टेस्ट सीरीज़ को जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही, अधिक विशेषज्ञों और शिक्षकों को शामिल कर छात्रों को और बेहतर मार्गदर्शन प्रदान करने की योजना है।
छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन-
अभ्युदय पोर्टल ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में खुद को साबित किया है। यह पोर्टल छात्रों को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने और अपने करियर को आगे बढ़ाने का मौका भी दे रहा है। यदि आप भी सिविल सेवा, जेईई या नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, तो अभ्युदय पोर्टल आपके लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल उन छात्रों के लिए एक बड़ी राहत है, जो महंगी कोचिंग संस्थानों में जाने में असमर्थ होते हैं। अब कोई भी छात्र इस पोर्टल की मदद से अपने अध्ययन को बेहतर बना सकता है और अपनी मंजिल की ओर बढ़ सकता है।
Baten UP Ki Desk
Published : 17 September, 2024, 5:35 pm
Author Info : Baten UP Ki