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ज्ञानवापी में ASI सर्वे का 7वां दिन, कानपुर IIT के एक्सपर्ट, GPR मशीन से करेंगे मार्किंग

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वाराणसी के ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे का आज सातवां दिन है। लगातार तीसरे दिन टीम गुंबद और व्यास तहखाने में सर्वे करेगी। गुंबद की नक्काशी की कार्बन कॉपी तैयार करने के साथ, टीम तीनों गुंबदों की पैमाइश भी करेगी। श्रृंगार गौरी की दीवार और छत ढलान का सर्वे भी किया जाएगा। एएसआई ने पूरे परिसर की शैली को कागजों पर उतारा है। टीम आधुनिक तकनीक पर आधारित फोटोग्राफी वीडियोग्राफी, मैपिंग व स्कैनिंग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी। इसमें एक्सपर्ट के तय होते ही GPR मशीन से सर्वे के लिए अलग टीम वाराणसी आई है।

GPR मशीन के लिए जगह होगी चिन्हित- 

ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार यानी GPR के लिए आए एक्सपर्ट, मशीन लगाने की जगह को चिन्हित करेंगे। टीम 8 से 10 जगह पर निशान देही करेगी। जिन स्थानों पर GPR मशीन को लगाया जाएगा। इसमें चार स्थान सेंट्रल रूम यानी मुख्य तहखाना में तय किए जाएंगे। इससे पहले व्यास तहखाना में मिली कलाकृतियां गुंबदों की सीढ़ियों के पास बने कलश नुमा कलाकृतियों की स्कैनिंग जारी है। 

चार यूनिट में बाटी गई सर्वे टीम-

टीम को चार यूनिट में बाटा गया है। इसमें तीन यूनिट के 30 सदस्य तीनों गुंबद की 3D इमेजिंग और मैपिंग कर रहे हैं।  इसके अलावा व्यास तहखाना में मिले मलबे की भी सर्वे टीम ने जांच कर रही है टीम अपनी रिपोर्ट 2 सितंबर तक कोर्ट में सबमिट करनी है। 

एएसआई टीम ने जुटाए आंकड़े-

मंगलवार को एएसआई की तीन टीमें बनाई गई थी। एक टीम मीनारो व गुंबदों के कांगूरों पर थी। एक तहखाना में और एक पश्चिमी दीवार के भीतरी हिस्से में मौजूद मलबे से पुरातात्विक आंकड़े जुटा रही थी। व्यासजी का तहखाना में सर्वे टीम दिनभर छानबीन करती रही। नाप -जोख मैपिंग, फोटोग्राफी की गई। ASI के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक बीआर मणि ने बताया कि इस तरह की इमारत की पुरातात्विक छानबीन में GPR के साथ मैग्नेटोमीटर और टोटल स्टेशन जैसे उपकरणों की भी मदद ली जाती है।

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