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कभी शानो शौकत की सवारी कहे जाने वाले इक्के व तांगे आज जैसे गुम हो गये है। कभी इक्के व तांगे की सवारी राजशाही सवारी मानी जाती थी। जैसे-जैसे समय का पहिया घूमा,लोग आधुनिक संसाधनों की ओर बढ़ने लगे। अब गांव-गांव, घर-घर दुपहिया व चार पहिया वाहनों की बाढ़ सी आ गई है। पहले जहां लोग इक्के व तांगें पर शौक से बैठकर यात्रा किया करते थे। वहीं अब लोग इस सवारी पर बैठना अपनी मर्यादा व शान के खिलाफ समझते हैं। इतिहास पन्ने थोड़ा और पलटते है और आपको थोड़ा और पीछे लेकर चलते है आज से कुछ दशक पहले तक भारत के विभिन्न प्रदेशों मे इक्के-तांगों का बोलबाला था। मसलन उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में अगर इक्के खूब चलते थे, तो पश्चिमी क्षेत्र में सवारी के नाम पर तांगे देखे जा सकते थे। लखनऊ में तांगे और इक्के दोनों का प्रचलन था। लेकिन लखनऊ ने दुनिया की चाल से चाल मिलाई और इक्के-तांगे कहीं पीछे छूट गए। देखिए हमारी खास रिपोर्ट-
Baten UP Ki Desk
Published : 25 October, 2023, 11:57 am
Author Info : Baten UP Ki