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यूपी में अब मोबाइल नेटवर्क से रेडियो नेटवर्क को जोड़कर पुलिस के कम्युनिकेशन सिस्टम को और बेहतर करने के प्रयास किए जा रहें हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक ऐसी एप्लीकेशन को डेवलप किया है जिसकी मदद से पुलिस अधिकारी अपने स्मार्ट फ़ोन से डिजिटल वायरलेस सेटों पर कोई भी संदेश आसानी से भेज पाएंगे। दरअसल, पुलिस टेक्निकल सर्विस की ओर से एक विशेष ऐप को तैयार किया गया है जिससे मोबाइल फ़ोन में इस्तेमाल होने वाले 4G नेटवर्क को पुलिस की रेडियो सिस्टम से जोड़ा जाएगा। इससे पुलिस अधिकारी पुलिस के अलग-अलग रेडियो चैनल पर एक साथ संवाद कर सकेंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद अब बाराबंकी पुलिस ने इस प्रणाली का इस्तेमाल करना भी शुरू कर दिया है। टेस्टिंग में सफलता मिलने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
यूपी 112 का रिस्पांस टाइम हो बेहतर
सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश देते हुए कहा कि इमरजेंसी हेल्पलाइन का पूरी तरह से प्रचार-प्रसार किया जाए। प्रदेश में कुछ सालों पहले यूपी 112 की रिस्पांस टाइमिंग करीब एक घंटे की थी, लेकिन अब यह 9:44 मिनट में ही रिस्पांस करती है। इसे घटाकर और कम किया जाए। जिससे पुलिस की सहायता उपलब्ध कराने में यूपी 112 मददगार साबित हो। इसके लिए प्रदेश में वाहनों और कर्मियों की संख्या को और भी बढ़ाया जाएगा। प्रत्येक पीआरवी (Police Response Vehicle) को जीपीएस डिवाइस से लैस कर उसमें तैनात सभी पुलिसकर्मियों को बॉडी वार्न कैमरे दिए जाए। ज़रूरत के अनुसार, इन वाहनों के खड़े होने के स्थान को तय कर यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि इनका कोई दुरूपयोग न हो।
मामले के निपटान में आयी तेजी
उन्होंने कहा कि यूपी 112 के जरिए मिली सूचनाओं में 84 प्रतिशत मामलों का निराकरण घटनास्थल पर किया गया है। यूपी 112 के साथ 101, 108 और 1090 सहित अन्य सेवाओं के एकीकरण और इनमें इस्तेमाल होने वाली जीपीएस, रेडियो वायरलेस, मोबाइल या वेब ऐप जैसी टेक्नोलॉजी ने इसे और भी उपयोगी बना दिया है।
महिला बीट अधिकारियों को मिले स्कूटी की सुविधा
महिला सुरक्षा, स्वावलंबन के लिए चलाए जा रहे मिशन शक्ति को और भी गति मिले इसके लिए पहली बार महिला पुलिसकर्मियों को बीट पुलिस के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके लिए 10,417 महिला बीट का गठन किया गया है। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह महिला बीट अधिकारियों को स्कूटी मुहैया कराएं जिसके लिए शासन की ओर से पर्याप्त धनराशि दी जाएगी।
क्या है बीट पुलिसिंग
जानकारी के लिए बता दें कि बीट पुलिसिंग एक कार्यप्रणाली है जिसमें हर थाने के क्षेत्रों को छोटे-छोटे हिस्सों में बाँटा जाता है, इसे ही बीट कहते हैं। थाने के पुलिसकर्मियों को अलग-अलग बीट में विभाजित किया जाता है। ऐसे में जिस पुलिसकर्मी को जहां की ज़िम्मेदारी दी जाती है वहां से जुड़े सभी काम जैसे सूचनाएं लेना, अपराध को नियंत्रण करना सहित अन्य कार्यों को उन्ही के द्वारा पूरा किया जाता है।
Baten UP Ki Desk
Published : 12 April, 2023, 3:56 pm
Author Info : Baten UP Ki